प्रादेशिक
वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की 80% संभावना हुई कम
नई दिल्ली। देश में कोरोना का ग्राफ अब गिरता जा रहा है। पिछले कई दिनों से भारत में कोरोना के नए मामले में गिरावट देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 3 मई से रिकवरी रेट में तेजी देखी जा रही है, जो अब 96% है।
उन्होंने कहा कि हम एक्टिव केसों में भी गिरावट देख रहे हैं। 11 जून से 17 जून के बीच 513 जिलों में कुल पॉजिटिव केस 5% से भी कम थे। देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में लव अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले 24 घंटे में देश में 62,480 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 11 दिनों से एक लाख से कम मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। कोरोना मामलों के पीक में 85% की कमी देखी गई है।’
वहीं, नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन लगवा चुके व्यक्तियों में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका 75-80 फीसदी कम होती है। ऐसे व्यक्तियों को ऑक्सीजन सपोर्ट की आशंका लगभग 8 फीसदी है और टीकाकरण वाले व्यक्तियों में आईसीयू में प्रवेश का जोखिम केवल 6 फीसदी है।
डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में सेरोपोसिटिविटी दर 56 फीसद और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में 63 फीसद है। जानकारी से पता चलता है कि बच्चे संक्रमित थे लेकिन यह बहुत हल्का था। बच्चों में संक्रमण के केवल अलग-अलग मामले हो सकते हैं।’
उत्तराखंड
गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।
स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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