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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोनाः दवा की उम्मीद टूटी, वैज्ञानिकों का ट्रायल हुआ फेल!

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस चीन से निकल अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। तेजी से फैलने वाले इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया के लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।

इस वायरस के खात्मे के लिए वैज्ञानिक दिन-रात शोध कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी देश के हाथ कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हुई है। इस बीच कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रही एक दवा को लेकर बुरी खबर सामने आई है।

ताजा रिपोर्ट की मानें तो रेमडेसिवीर नाम की दवा अपने पहले रेंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल में फेल हो गई है। इससे पहले इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि रेमडेसिवीर Covid-19 की इलाज में कारगर साबित हो सकती है लेकिन चीन के परीक्षण में यह दवा सफल नहीं हुई।

WHO  ने चीन के इस असफल परीक्षण के ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट को अचानक प्रकाशित कर दिया था। प्रकाशित डाक्यूमेंट के अनुसार दवा से मरीजों में कोई सुधार नहीं देखा गया था और न ही मरीजों के खून में रोगाणु कम हुए। हालांकि इस पोस्ट को जल्द ही हटा लिया गया। वहीं, अमेरिका की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी Gilead Sciences ने इस स्टडी को गलत बताया है।

क्या कहती है नई स्टडी?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्लिनिकल ट्रायल डेटाबेस पर रेमडेसिवीर दवा का ट्रायल असफल होने संबंधी विवरण छपने के बाद ही यह खबर तेजी से फैल गई। डाक्यूमेंट लीक होने के बाद डब्ल्यूएचओ ने भी इस बात की पुष्टि की कि गलती से रिपोर्ट अपलोड हो गई थी।

इस ड्राफ्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 237 मरीजों पर स्टडी की।  इनमें से 158 मरीजों को रेमडेसिवीर दवा दी गई और उनकी प्रगति की तुलना बाकी उन 79 मरीजों के साथ की गई जिन्हें प्लेसबो दिया गया था।

एक महीने के बाद, प्लेसबो लेने वाले 12.8 फीसदी लोगों की तुलना में रेमडेसिवीर दवा लेने वाले मरीजों में से 13.9 फीसदी लोगों की मौत हो गई थी।  इस दवा के साइड-इफेक्ट की वजह से इसका परीक्षण जल्द ही रोक दिया गया।

स्टडी के मुताबिक रेमडेसिवीर दवा क्लिनिकल या वायरोलॉजिकल लाभ से नहीं जुड़ा है। हालांकि WHO की इस पोस्ट को Gilead कंपनी ने खारिज कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें लगता है कि इस स्टडी को अनुचित तरीके से पोस्ट किया गया था। यह सांख्यिकी रूप से सही नहीं था और इसे जल्द ही खारिज कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘इस स्टडी के निर्णायक नतीजे अभी नहीं आए हैं। हालांकि डेटा से पता चलता है कि कोरोना के जिन मरीजों को शुरुआती इलाज में ही रेमडेसिवीर दी गई, उनमें इसका संभावित लाभ दिखा है।’ आपको बता दें कि रेमडेसिवीर दवा का इस्तेमाल इबोला के उपचार में किया गया था।

 

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अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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