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कोरोना वायरस पर भारतीय वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, जानकर हो जाएंगे खुश!

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नई दिल्ली। चीन से निकला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में महामारी के रूप में फैल चुका है। इस खतरनाक वायरस से अबतक 8 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है।

भारत में भी कोरोना के मरीजों की संख्या 150 के पार हो गई है। इस बीच वायरस पर शोध कर रहे भारतीय वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी सफलता लगी है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के स्ट्रेन्स (अलग-अलग रूप) को अलग कर लिया है जिससे कोरोना वायरस को लेकर दवाई और टीके बनाने में मदद मिलेगी।

ये सफलता इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों को मिली है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक काफी समय से कोरोना वायरस पर काम कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों की ये खोज से कोरोना वायरस के रोकथाम में काफी मददगार साबित होगी। कोरोना वायरस के स्ट्रेन्स को अलग करने से वायरस की जांच के लिए किट बनाने में भी काफी मदद मिलेगी। यही नहीं इससे किट बनाने, दवा का पता लगाने और टीके का शोध करने में काफी मदद मिल सकेगी।

जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस को लेकर अभी तक कुल चार देशों को ये कामयाबी मिली है। जिनमें अमेरिका, जापान, थाईलैंड और चीन आदि शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईसीएमआर पुणे की वैज्ञानिक प्रिया अब्राहम का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर भारत ने अभी पहला चरण पार कर किया है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आगरा के 6 मरीज और इटली के कुछ नागरिकों से मिले वायरस को वैज्ञानिक प्रक्रिया के जरिए वायरस के स्ट्रेन को अलग (आइसोलेट) किया गया था। इसके बाद, उस स्ट्रेन को वुहान कोरोना वायरस के स्ट्रेन से मिलाया गया।

वैज्ञानिकों ने पाया कि इन दोनों वायरसों के स्ट्रेन के बीच 99.98% की समानता है। वैज्ञानिक प्रिया अब्राहम का कहना है कि किसी बीमारी की खत्म करने या रोकने के लिए उसकी पहचान करना जरूरी है।

ये एक तरह से यह पहला चरण कहलाता है। इसके बाद टीके और उपचार आदि के लिए काम किया जाता है। इस कामयाबी से वैज्ञानिक कोरोना वायरस का टीका खोजने की दिशा में तेजी से काम कर सकेंगे।

उनका मानना है कि इस वक्त लोगों को सहयोग की जरूरत है। लेकिन ये समय भी टल जाएगा। बता दें, कोरोना वायरस की जांच को लेकर अभी तक देशभर में 65 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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