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ऑफ़बीट

किसे पता था कि तबाही की शुरुआत भारत से होगी, आप भी रहे सतर्क

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रांची। आप सोच रहे होंगे कि कहां हम आपको टीवी चैनलों की तरह बैठे बिठाए डरा रहे हैं। ऐसा थोड़ी होता है, कि तबाही आ जाए, ज़मीन फट जाए, गांव अन्दर धंस जाए। लेकिन इस बार बात थोड़ी गंभीर है। खबर आ रही है झारखंड से। जहाँ लोग दहशत में है क्योंकि यहाँ एक गांव की ज़मीन दो हिस्सों में फट गई है। ये कोई ज़मीन में पड़ने वाली दरार नहीं है। यहाँ ज़मीन बीच से फट गई और पूरा गांव लगभग उसमे समा गया।

पूरा मामला झारखंड के गिरिडीह गांव का है। जहाँ सोमवार की सुबह ग्रामीणों अपना रोज का काम निपटा रहे थे। तभी तेज आवाज के साथ गांव के मोहली इलाके की जमीन धंसना शुरू हो गई। इस ज़मीन धंसने की वजह से कई जगह दूर-दूर तक दरारें पड़ गईं। 3 मिनट में ही चार घरों में दरार पड़ गईं। इस घटना को कई लोग तबाही बता रहे है तो कई तो इसे सीधे मौत से सामना मान रहे हैं।

 

जैसे ही तेज आवाज के साथ यहाँ जमीन धंसना शुरू हुई वैसे ही लोग अपना सारा जरूरी सामान लेकर घरों से भाग निकले। अब इस आपदा के मारे और दहशतग्रस्त बेचारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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