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उत्तराखंड

दलबीर कौर बनेंगी पाक कैदियों की आवाज

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सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए संघर्ष, दलबीर कौर, पाक की जेलों में बंद करीब 300 कैदियों की सूची

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सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए संघर्ष, दलबीर कौर, पाक की जेलों में बंद करीब 300 कैदियों की सूची

Dalbir Kaur in Haridwar

भारत दिलाए पाक में कानूनी मदद

हरिद्वार। पाकिस्तानी जेल से अपने भाई सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए संघर्ष करने और उसके बाद भी उसे खो देने वाली दलबीर कौर अब भारतीय जेलों में बंद पाक कैदियों की आवाज बनेगी।

दलबीर कौर आजकल हरिद्वार में हैं, उन्होंने पाक की अलग-अलग जेलों में बंद करीब 300 कैदियों की सूची पीएमओ को सौंपकर उनकी रिहाई कराने का आग्रह किया है। वहीं भारत की जेलों में बंद 47 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई की मांग भी उठाई है।

जल्द वह बेगुनाह भारतीय कैदियों के परिवारों के साथ विदेश मंत्री से मिलेंगी। दलबीर कौर ने दोनों देशों के कैदियों के परिवारों के लिए वीजा नियमों में नरमी की अपील भी भारत व पाकिस्तानी सरकार से की है।

ज्ञातव्य है कि पंजाब के तरनतारन जिले से 28 अगस्त 1990 को गलती से सरहद पार कर पाक पहुंचे सरबजीत सिंह को करीब 23 साल लखपत (पाक) जेल में गुजारने पड़े। आतंकी बताकर फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने उसे बचाने के लिए कड़ा संघर्ष किया।

26 अप्रैल 2013 को जेल में हमले के बाद लाहौर अस्पताल में अंतिम सांस लेने तक दलबीर ने सरबजीत की रिहाई का प्रयास किया। हरिद्वार पहुंची दलबीर कौर ने बताया कि उन्होंने पंजाब हाईकोर्ट से पाक जेलों में बंद 94 कैदियों की सूची जुटाई है। पाक की अलग-अलग जेलों से अपने घर खत भेजने वाले भारतीय कैदियों के परिवारों से भी मुलाकात की है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को ऐसे कैदी जिन पर ज्यादा गंभीर मामले नहीं हैं या जिनका जेल में व्यवहार अच्छा है, उन्हें रिहा कर देना चाहिए। पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू समेत सीमावर्ती इलाकों के भारतीय कैदियों के परिवारों को साथ लेकर वह जल्द विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलेंगी।

दलबीर कौर का कहना है मेरा भाई जीवित नहीं लौट पाया, लेकिन और बहनों के भाई अपने-अपने घर लौट जाएं तो वह अपने संघर्ष को सफल मानेंगी। दलबीर कौर ने कहा कि दोनों देशों में सरहदी इलाकों के कैदी 25 साल से भी ज्यादा समय से जेलों में बंद हैं और उनका ट्रायल भी शुरू नहीं हो पाया है।

पाक में यदि भारतीय कैदियों को कानूनी मदद नहीं मिल रही है तो भारत को अपने वरिष्ठ अधिवक्ता वहां भेजने चाहिए। कैदियों के परिवारों को बिना सोचे समझे वीजा मिलना चाहिए। जिससे कैदी व उनके परिवार एक-दूसरे से आसानी से मिलते रहें। दलबीर कौर ने सरबजीत के गुनाहगारों पर अब तक कोई कार्रवाई न होने पर अफसोस जताया।

 

 

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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