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क्यों रणवीर को अपने लिए भाग्यशाली मानती हैं दीपिका

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नई दिल्ली। ‘रामलीला..’ के बाद दर्शकों को रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में देखने को मिलेगी। रणवीर को लेकर दीपिका का कहना है कि वह असल जिंदगी में बेहद संवेदनशील और भावुक इंसान हैं। एक कार्यक्रम के दौरान दीपिका ने बताया, “रणवीर को लेकर लोग मुझसे कहते हैं कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि वह मजाकिया और जिंदादिल इंसान हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, रणवीर असल जिंदगी में बेहद भावुक और संवेदनशील हैं।”

इस पर रणवीर ने जवाब दिया, “मैं अपने निजी व्यक्तित्व को सार्वजनिक रूप से जाहिर नहीं करता हूं। इस सबको लेकर मैं काफी शर्मीला हूं।” ‘गोलियों की रासलीला रामलीला’ के बाद निर्देशक संजय लीला भंसाली इस जोड़ी को दोबारा फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में पेश कर रहे हैं। इसमें प्रियंका चोपड़ा भी नजर आएंगी।

रणवीर से जब सवाल किया गया कि क्या उन्हें फिल्म करने से पहले पेशवा बाजीराव की कहानी की जानकारी थी, इस पर रणवीर ने बताया ,”मेरी स्कूली शिक्षा मुंबई के निजी स्कूल में हुई यहां पांचवीं तक मराठी अनिवार्य विषय था। लेकिन हमारे किसी पाठ्यक्रम में पेशवा बाजीराव का कोई उल्लेख नहीं रहा। सारा पाठ्यक्रम केवल छत्रपति शिवाजी के कारनामों पर केंद्रित था।”

रणवीर के अनुसार, ” मुझे मस्तानी की जानकारी एक फिल्म मैगजीन के जरिए हुई थी। उस दौरान हम फिल्म ‘रामलीला.’ की शूटिंग कर रह थे। उन्होंने (भंसाली) मुझे बताया कि वह पिछले 12 सालों से इस फिल्म को बनाना चाह रहे हैं।”

दीपिका का भी कहना था, “मेरे पाठ्यक्रम में बाजीराव का कोई जिक्र नहीं रहा है इस फिल्म की बदौलत मुझे बाजीराव और मस्तानी की जानकारी मिली। स्कूल के दिनों में मैंने सुना था कि निर्देशक भंसाली, सलमान और ऐश्वर्या को लेकर यह फिल्म बनाना चाहते हैं। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं इस फिल्म का हिस्सा बनूंगी।”

दीपिका ने बताया, ” मैं भाग्य में विश्वास करती हूं उस समय भंसाली सर किसी कारण से इस फिल्म को नहीं बना पाए। अब मैं और रणवीर इस फिल्म का हिस्सा हैं यह हमारा भाग्य हैं।” ‘बाजीराव मस्तानी’ 18 दिसंबर को प्रदर्शित होगी।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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