उत्तराखंड
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की दूसरी लिस्ट से भी देहरादून गायब
देहरादून। केंद्र सरकार ने फास्ट ट्रैक स्मार्ट स्मार्ट सिटी की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए सेकेंड फेज में चुने गए शहरों में राजधानी देहरादून का नाम शामिल न होने से दूनवासियों को एक फिर निराशा हाथ लगी है। हालांकि मंगलवार को इस बाबत 23 शहरों के भविष्य का फैसला होना था, लेकिन फिलहाल 13 शहरों के नाम ही बताए गए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। दूसरी लिस्ट में 13 शहरों को चुना गया है। लेकिन उत्तराखंड के हाथ एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। दूसरी लिस्ट में भी देहरादून को शामिल नहीं किया गया है।
केंद्र ने जो दूसरी सूची जारी की है उसमें लखनऊ, वारंगल, धर्मशाला, चंडीगढ़, रायपुर, कोलकाता, भागलपुर, पणजी, पोर्ट ब्लेयर, इम्फाल, रांची, अगरतला और फरीदाबाद रखा गया है। इनका विकास स्मार्ट सिटी के तौर पर किया जाएगा। गौरतलब है कि पहले टॉप 100 शहरों की लिस्ट में भी देहरादून अपनी जगह बनाने में नाकामयाब रहा था। इसके बाद फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी कम्पटीशन के जरिए 13 शहरों का चयन किया गया है। इनमें भी देहरादून के हाथ असफलता ही आई है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप करने की योजना बनाई है। इन शहरों को आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जहां विश्वस्तरीय व्यवस्था होगी। पहली लिस्ट में देहरादून के शामिल न होने पर कांग्रेस-भाजपा के बीच आरोप, प्रत्यारोप का दौर लंबा चला था। अब एक बार फिर उत्तराखंड में स्मार्ट सिटी को लेकर राजनीति सामने आ सकती है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए देहरादून में जोन चार को चुना गया है। इसमें 3788 एकड़ टी स्टेट का 350 एकड़, चकराता रोड, सहारनुपर रोड और शिमला बाईपास रोड के बीच का क्षेत्र जिसमें घंटाघर, पलटन बाजार, खुड़बुड़ा, झंडा साहिब, लक्ष्मण रोड, इंदिरापुरम, जीएमएस रोड, मोहित नगर, बसंत विहार, राजेंद्र नगर, विजय पार्क, र्साइं लोक , माजरा आदि क्षेत्र शामिल हैं।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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