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हेल्थ

लखनऊ में बढ़ रहे है डेंगू के मामले, जानें लक्षण व बचाव के उपाय  

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Dengue in lucknow

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में डेंगू (Dengue), चिकनगुनिया, टायफाइड, मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं। मंगलवार को शहर में और 14 लोग डेंगू की चपेट में आ गए जिसमे सर्वाधिक 4 लोग चंदन नगर में मिले।

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कानपुर रोड के आस-पास की कॉलोनियों में डेंगू के 50 सक्रिय मरीज हैं। इसमें सिल्वर जुबली 2, इंदिरा नगर 3 ,चिनहट 2, टूडियागंज 2, अलीगंज 1 में केस पाए गए। लगभग 1321 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया।

मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के उपाय

वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखे, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दे।

अनावश्यक कन्टेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दे।

तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करे।

प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदले, कूलर आदि में ज़्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दे।

घरों और होटल के वाटर टैंक में लार्वीवोरस फिश का उपयोग करे।

बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदले।

बचाव के उपाय

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे।

दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल सिलिव्स के कपड़े पहने बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करे।

क्या न करे-

घर में या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दे।

टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर, और कबाड़ को घर मे न जमा होने दे और न ही घर के पास उन्हें फेंके।

उक्त चीज़ों का उचित निस्तारण सुनिश्चित कराए ताकि उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए।

बुखार होने पर स्वंय से दवा न करे, चिकित्सक के परामर्श के उपरान्त ही दवा का उपयोग करें।

कैसे होता है डेंगू और कितना खतरनाक है इसका मच्छर?

  1. डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से ही होता है। इस प्रजाति में केवल मादा मच्छर में ही डेंगू वायरस हो सकते हैं।
  2. एक Dengue मच्छर एक बार में करीब 100 अंडे देता है, इसके एक मच्छर की उम्र करीब दो हफ्ते होती है।
  3. डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में काटता है। खासकर सवेरे, शाम को इसके काटने की संभावना ज्यादा होती है।
  4. देखा गया है कि यह मच्छर रात में जलती लाइट में भी काट सकता है।
  5. यह मच्छर 15-16 डिग्री से कम तापमान में पैदा नहीं होता।
  6. डेंगू के सर्वाधिक मामले जुलाई से अक्तूबर के बीच आते हैं।
  7. स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 41% डेंगू मच्छर प्लास्टिक ड्रम, टंकियों में पैदा होते हैं। कूलर में 12%, निर्माण स्थलों पर इस्तेमाल लोहे के कंटेनरों में 17% डेंगू पैदा होते हैं।

ऐेसे शुरू होता है डेंगू का वार

  1. डेंगू की शुरुआती स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
  2. इसके लक्षणों में तेज बुखार, चकत्ते, शरीर में तेज दर्द, भूख कम होना, उल्टी आना आदि होता है।
  3. डेंगू जब खतरनाक अवस्था में पहुंचता है तो डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) बन जाता है, जो जानलेवा होता है।
  4. डीएचएफ की आगे की अवस्था डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है, जो खतरनाक हो सकता है।
  5. डीएचएफ में बीपी तेजी से गिरता है, अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिससे रोगी की मौत हो जाती है।

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दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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