आध्यात्म
इस तारीख को है देवउठनी एकादशी व्रत, जानें व्रत के नियम
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) कहा जाता है। इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी 4 नवंबर 2022 को है।
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देवउठनी एकादशी के दिन से ही चतुर्मास समाप्त होते हैं और शुभ व मांगलिक कार्य शुरू होंगे। शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है।
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।
जानें देवउठनी एकादशी व्रत के नियम-
तुलसी के पत्ते न तोड़े
देवउठनी एकादशी के दिन प्रभु शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है। ऐसे में इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने की मनाही होती है।
तामसिक चीजों का सेवन न करें
एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो इस दिन साधारण भोजन करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
चावल का सेवन न करें
एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि चावल का सेवन करने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि पाता है।
वाद-विवाद से बचें
एकादशी तिथि के दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन लड़ाई-झगड़ा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
किसी का न करें अपमान
एकादशी तिथि के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट होती हैं।
देवउठनी एकादशी के दिन करें ये काम-
- एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है।
- एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए।
- विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए।
- कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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