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ऑफ़बीट

‘डिजिटल बिलबोर्ड’ बताएगा स्मोकिंग के साइड इफेक्ट, सिगरेट जलते ही चलने लगेगा वीडियो

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गुरुग्राम। लोगों को धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताने के लिए वाइटल स्ट्रेटजी ने ‘डिजिटल बिलबोर्ड’ अभियान की शुरुआत की है। यहां डीएलएफ साइबर हब में शुरू किए गए अभियान के तहत धूम्रपान करने वाला व्यक्ति जब इस बिलबोर्ड के पास सिगरेट या बीड़ी जलाएगा तो बिलबोर्ड इसकी पहचान कर लेगा और एक छोटा वीडियो शुरू हो जाएगा।

यह बिलबोर्ड अगले चार हफ्तों तक रहेगा और यह वीडियो स्मोकर के आसपास खड़े लोगों व स्मोकर को धूम्रपान करने से दिल व फेफड़ों पर पडऩे वाले रियल टाइम प्रभाव को बताएगा।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “धूम्रपान करने वाला व्यक्ति बिलबोर्ड के सामने सिगरेट जलाएगा तो उसे डिजिटल बिलबोर्ड पर मैसेज उभरकर आएगा ‘इस समय आप अपने दिल के साथ यह कर रहे हैं।’ इसके साथ ही वीडियो शुरू हो जाएगा, जिसमें दिल पर होने वाला धूम्रपान का प्रभाव एक घरघराहट वाली आवाज के साथ दिखाई देगा। वीडियो के अंत में नेशनल क्विट लाइन नंबर 1800112356 दिया गया है। जो लोग धूम्रपान छोडऩा चाहते है, वह फोन करके मदद ले सकते है।”

वाइटल स्ट्रेटजी की ग्लोबल पॉलिसी-रिसर्च उपाध्यक्ष डॉ. नंदिता मुरूकुतला ने कहा, “भारत में दिल की बीमारियों और स्ट्रोक से सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है और तंबाकू इन बीमारियों का सबसे प्रमुख रिस्क फैक्टर है। हम भारत में पहला ऐसा उम्दा डिजिटल बिलबोर्ड अभियान शुरू कर रहे हैं, जो धूम्रपान रोकने के बारे में लोगों को महत्वपूर्ण बातें बताएगा।”

उन्होंने कहा, “धूम्रपान करने वाले लोगों को धूम्रपान के रियल टाइम हानिकारक दुष्प्रभाव को ग्राफ के जरिए बताया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह पहल लोगों को धूम्रपान छोडऩे के लिए प्रोत्साहित करेगी और जो लोग धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ खड़े होते हैं, खासतौर से बच्चों के दिल की सेहत को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगी।”

नंदिता ने कहा, “धूम्रपान करने वाले लोगों के आसपास खड़े लोगों पर कई दुष्प्रभाव होते हैं। इसके बारे में लोगों को ऑनलाइन तरीके से ज्यादा से ज्यादा जानकारी बढ़ाने को कहा जाएगा। नॉन स्मोकर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ रहने का अनुभव शेयर करें और उन्हें धूम्रपान छोडऩे की गुजारिश करें।”

टोबैको एटलस के अनुसार भारत में 15 से ज्यादा उम्र के 10.3 करोड़ लोग रोजाना तंबाकू का इस्तेमाल करते है जिससे उनमें हृदय रोगों व स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है। हर साल नौ लाख से ज्यादा लोगों की तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मृत्यु होती है।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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