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प्रादेशिक

हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, सरकार ने मांगी मांगे

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चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी चिकित्सकों ने राज्य सरकार से उनकी मागों को स्वीकार किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद शनिवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त कर दी। हरियाणा सिविल चिकित्सा सेवाएं (एचसीएमएस) संगठन के प्रमुख ने यह जानकारी दी। हड़ताल खत्म होने के बाद चिकित्सक अस्पतालों में लौट गए। एचसीएमएस के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, ”प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के प्रतिनिधियों और हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल के बीच शुक्रवार को हुई बैठक के बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गय़ा।”

उन्होंने कहा, ”हमने हड़ताल वापस ले ली है।” ख्यालिया ने बताया कि सरकार ने चिकित्सकों की मांगों को स्वीकार कर लिया है और 15 अगस्त से पहले इन्हें अधिसूचित करने का आश्वासन भी दिया है। चिकित्सकों ने राज्य सरकार से विशेषज्ञ कैडर का गठन करने, केंद्र सरकार के चिकित्सकों के समान तरक्की सुनिश्चित करने वाली योजना लागू करने, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती न करने और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि एक करोड़ रुपये से घटाकर 50 लाख रुपये करने की मांग की है।

हरियाणा सरकार पर अपनी मांगों को मनवाने का दबाव बनाने के लिए करीब 3,000 सरकारी चिकित्सक बृहस्पतिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे थे। इस कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई थीं। चिकित्सकों की हड़ताल को खत्म करवाने के लिए राज्य सरकार और एचसीएमएस के प्रतिनिधियों के बीच कई बैठकें हुईं। इन बैठकों में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल शामिल हुए थे। संगठन ने अपनी मांगें पूरी न होने के विरोध में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने का आह्वान किया था।

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उत्तर प्रदेश

लेटे हनुमानजी, अरैल-फाफामऊ पुल के नीचे, रीवा, मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग, बालसन चौराहा आदि स्थानों पर 45 दिन तक प्रतिदिन होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुति

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लखनऊ |  योगी सरकार के निर्देशन में महाकुम्भ में 10 जनवरी से 24 फरवरी तक लोककलाओं के जरिए समूचे भारत का दर्शन होगा। इसके लिए उप्र संस्कृति विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। वहीं 45 दिन तक प्रयागराज में 20 स्थानों पर लघु मंच बनेंगे, जहां भारत की संस्कृति का दीदार पर्यटक, श्रद्धालु व आमजन करेंगे। य़हां कई विधाओं पर आधारित लोकनृत्य की भी प्रस्तुति होगी। इसके अतिरिक्त नागवासुकि क्षेत्र में भी सांस्कृतिक मंच बनेगा, जहां रामलीलाओं को देख कल्पवासी व श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेंगे।

प्रयागराज शहर में इन 20 स्थलों पर बनेंगे लघु मंच

महाकुम्भ के दौरान संस्कृति विभाग की तरफ से प्रयागराज शहर के भीतर 20 स्थलों पर लघु मंच बनाए जाएंगे, जहां प्रदेश की विभिन्न लोककलाओं का 45 दिन तक प्रदर्शन होगा। विभाग की तरफ से यह स्थल चयनित कर लिए गए हैं। यह स्थान रीवा मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग पर नैनी चौराहा हनुमान मंदिर के बगल में, संगम बांध लेटे हनुमान जी मंदिर के समीप किले की दीवार से सटे खाली स्थान पर, गऊघाट में इविनिंग क्रिश्चियन कॉलेज के सामने, कीडगंज में मिंटो पार्क गेट के बगल, प्रदर्शनी स्थल के समीप खाली स्थान, किला चौराहा के कॉर्नर, हाईकोर्ट-धूमनगंज रोड-सुलेमसराय में नगर निगम चौराहा गेट नंबर-2 हॉस्पिटल के सामने, दरभंगा चौराहा के समीप, सिविल लाइंस पत्थऱ वाला चर्च के निकट विशप जॉनसन कॉलेज के निकट बस स्टॉप के बगल में, बालसन चौराहा पर महर्षि भारद्वाज की मूर्ति के नीचे खाली स्थान पर, जॉनसनगंज चौराहा के निकट खाली स्थान पर पुलिस बूथ के समीप, लोकसेवा आयोग की तरफ मिश्रा चौराहे के बाएं कोने पर, अलोपीबाग में गीता निकेतन गेट के बगल में उपनिदेशक उद्यान कार्यालय के समीप, मानसरोवर सिनेमा चौराहा-रामबाग रेलवे स्टेशन के समीप राजर्षि टंडन मंडप के सामने, यूनिवर्सिटी रोड चौराहा, पर पवन बिहार के बगल में, अरैल मोड़ पर फूल मंडी के बगल में, फाफामऊ पुल के नीचे गंगा किनारे नवनिर्मित सड़क के किनारे, गदा माधव तिराहा से मेला क्षेत्र जाने वाली सड़क किनारे, महर्षि भारद्वाज तिराहा पर मेला क्षेत्र में जाने वाले सड़क के किनारे, नागवासुकि मंदिर के समीप खाली स्थान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

इन मंचों पर उतरेगा समूचा भारत, 10 हजार से अधिक कलाकारों को मिलेगा मंच

प्रयागराज में बनाए जाने वाले 20 लघु मंचों पर समूचा भारत उतरेगा। यहां फरुआही, धोबिया, मयूर, करमा, वनटांगिया, थारू, अवधी, ढेढ़िया, चांचर, राई, पाई-डंडा, सैरा, बधावा समेत अनेक लोकनृत्यों की प्रस्तुति होगी। यहां प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक प्रत्येक मंच पर कार्यक्रम होंगे। इसमें प्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक लोक कलाकारों को मंच मिलेगा।

नागवासुकि क्षेत्र में बने मंच पर रामलीलाओं से भी आध्यात्मिक ऊर्जा का होगा संचार

संस्कृति विभाग की तरफ से मेजबान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की रामलीलाएं भी महाकुम्भ के दौरान होंगी। कल्पवासी, श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता रहे, इसके लिए रामलीलाओं का भी मंचन होगा। द्वितीय मंच नागवासुकि क्षेत्र में बनेगा, जहां रामलीलाओं का मंचन होगा। यहां मेजबान उत्तर प्रदेश की कई रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके साथ ही अनेक राज्यों का भी मंचन होगा। इसमें भारतीय लोककला मंडल (उदयपुर), योगेश अग्रवाल व दल (छत्तीसगढ़), अशोक मिश्र व दल (बालाघाट-मध्य प्रदेश), रत्नाककर ड्रामेटिक आर्ट प्रोडक्शन (दिल्ली), मिथिलांचल अवध आदर्श रामलीला फाउंडेशन (सीतामढ़ी-बिहार), तीर्थवासी वहेरा (ओडिशा),मां नंदा महिला रामलीला मांगला योग समिति महादेव सुविधानगर (रूद्रप्रयाग उत्तराखंड), श्रीराम भारतीय कला केंद्र (दिल्ली), देवेंद्र बैरागी व दल (भोपाल-मध्य प्रदेश), आंजनेय कला मंडल (सतना-मध्य प्रदेश) आदि के कलाकारों द्वारा रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके अतिरिक्त मेजबान उत्तर प्रदेश के भी अनेक जनपदों से कलाकार यहां रामलीलाओं का मंचन करेंगे।

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