अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक घोषणा से पूरी दुनिया में डर का माहौल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक घोषणा से पूरे विश्व में एक तनाव पैदा हो गया है। इस घोषणा से मध्य पूर्व में हथियारों की दौड़ तेज होने का खतरा बढ़ सकता है। पूरी दुनिया में डोनाल्ड ट्रंप की खिलाफत की जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस से टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में अमेरिका के इस समझौते से अलग होने की घोषणा की।
ईरान और छह अन्य वैश्विक शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते के तहत ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद करने को राजी हुआ था और बदले में ईरान पर लंबे समय से लगे आर्थिक प्रतिबंधों में ढील दी गई थी।
उन्होंने कहा कि वह ईरान के खिलाफ परमाणु हथियारों से संबंधित प्रतिबंधों में ढील देने के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और समझौते के तहत तेहरान पर से हटाए गए प्रतिबंधों को दोबारा लागू करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साथ ही कहा कि अमेरिका ईरान के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों के खिलाफ भी कड़े प्रतिबंध लगाएगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद मध्य पूर्व में हथियारों की दौड़ तेज होने का खतर बढ़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जीसीपीओए) के नाम से जाने वाले परमाणु समझौते की फिर से आलोचना करते हुए कहा कि यह समझौता ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने या क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा, “समझौते के कमजोर प्रावधान पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। अगर मैंने इस समझौते को बनाए रखने की इजाजत दी तो जल्द ही मध्य पूर्व में परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू हो जाएगी। ईरान के परमाणु हथियारों के निर्माण के साथ ही हर देश अपने हथियार तैयार करना चाहेगा।”
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका तेहरान पर बेहद कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि जो भी देश परमाणु हथियार बनाने में ईरान की सहायता करेंगे अमेरिका उन पर भी कड़े प्रतिबंध लगाएगा। व्हाइट हाउस ने बाद में कहा कि ट्रंप ने अपने प्रशासन को जेसीपीओए से संबंधित प्रतिबंध फिर से लगाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया है।
ईरान और छह वैश्विक शक्तियों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी के बीच जुलाई 2015 में वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था।ट्रंप के इस समझौते से अलग होने के फैसले से विश्वभर में तनाव व्याप्त हो गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों ने ट्रंप के इस फैसले पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका के इस फैसले से फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन निराश हैं।मैक्रों, मर्केल और थेरेसा मे ने ईरान परमाणु समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखने की बात दोहराते हुए कहा है कि यह समझौता हमारी साझा सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
वॉशिंगटन स्थित हथियार नियंत्रण संघ ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की है।
ट्रंप के फैसले पर ईयू एकजुट रुख अपनाएगा : टस्क
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से निराशा जताई है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि ट्रंप के इस कदम पर यूरोपीय संघ एकजुट रुख अपनाएगा।
टस्क ने ईरान परमाणु समझौते से अलग होने की ट्रंप की घोषणा के कुछ ही मिनटों बाद ट्वीट किया, “ईरान समझौते और व्यापार को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर यूरोपीय संघ एकजुट फैसला लेगा।” टस्क ने कहा, “यूरोपीय संघ के नेता सोफिया में आगामी सप्ताह होने वाले सम्मेलन में इन दोनों मुद्दों पर बात करेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अमेरिकी फैसले चिंतित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के अमेरिका के फैसले पर ‘गहरी चिंता’ जताई है।
ईरान और छह वैश्विक शक्तियों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी के बीच जुलाई 2015 में हुए समझौते के आधिकारिक नाम (जेसीपीओए) का जिक्र करते हुए गुटेरेस ने एक बयान में कहा, “मैं आज (मंगलवार) की घोषणा को लेकर अत्यधिक चिंतित हूं कि अमेरिका संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) से अलग हो जाएगा और (ईरान के खिलाफ) फिर से प्रतिबंध लगाएगा।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुटेरेस ने कहा, “मैं अन्य जेसीपीओए प्रतिभागियों से जेसीपीओए के तहत अपनी संबंधित प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह पालन करने और अन्य सभी (संयुक्त राष्ट्र) सदस्य देशों से इस समझौते का समर्थन करने का आग्रह करता हूं।” इनपुट आईएएनएस
अन्तर्राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात
ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।
Glad to have met Prime Minister Giorgia Meloni on the sidelines of the Rio de Janeiro G20 Summit. Our talks centred around deepening ties in defence, security, trade and technology. We also talked about how to boost cooperation in culture, education and other such areas.… pic.twitter.com/BOUbBMeEov
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2024
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