पंजाब
पंजाब में अकाली दल के विधायक डॉ. सुखविंदर सुक्खी आम आदमी पार्टी में शामिल
चंडीगढ़। पंजाब में बुधवार को अकाली दल के इकलौते दलित विधायक डॉ. सुखविंदर सुखी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सीएम भगवंत मान ने उनका पार्टी में स्वागत किया। आपको बता दें कि डॉ. सुखविंदर सुक्खी ने अकाली दल के टिकट से जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के करीबी नेताओं में से एक थे। अकाली दल के पास केवल तीन विधायक थे, जिनमें से बंगा से विधायक डॉ. सुक्खी अब आप में शामिल हो गए हैं।
इस दौरान मान ने एनएचएआई मामले में कहा कि हमने केंद्र को जवाब दे दिया है। केंद्र पहले यूपी और हरियाणा में लॉ एंड आर्डर की स्थिति को देखे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पंजाब में चल रहे प्रोजेक्ट को लेकर मान ने कहा कि लुधियाना और जालंधर में जो दो मामले सामने आए थे वह ठेकेदारों की पेमेंट को लेकर के आपस में हुए विवाद को लेकर था।
मान ने कहा कि बाकी प्रोजेक्ट के इर्द-गिर्द जिन भी किसानों के जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर मामला लंबित है। उसको लेकर सरकार की ओर से आर्बिट्रेटर के साथ ऐसे मामलों की समीक्षा कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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