उत्तर प्रदेश
सपनों को मिल रही उड़ान, अटल आवासीय विद्यालय की छात्रा जाएगी इसरो
वाराणसी| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल आवासीय विद्यालय के जरिए बच्चों की उड़ानको पंख दिया है। इससे निराश्रित और गरीब परिवारके बच्चे के सपने भी अंतरिक्ष में उड़ान भरने लगे हैं। वाराणसी के करसड़ा स्थित अटल आवासीय विद्यालय की कक्षा7की छात्रा श्वेता सत्ते स्कूल की टॉपर है। श्वेता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जाएगी। इनका चयन इसरो में जाकर वैज्ञानिकों से मिलकर ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए किया गया है। मई 2024 में 15 दिवसीय “उत्कृष्ट अटल प्रोग्राम” के कार्यशाला के माध्यम से इन बच्चों की प्रतिभा एवं कौशल को निखारने का प्रयास किया गया था।
योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट अटल आवासीय विद्यालय गरीब और निराश्रित परिवारों के सपनों में रंग भर रहा है। अटल आवासीय विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरनाथ राय ने बताया कि विद्यालय की टॉपर छात्रा श्वेता सत्ते का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भ्रमण के लिए हुआ है। वे यहां वैज्ञानिकों से मिलेगी और अंतरिक्ष विज्ञान को समझेंगी। उन्होंने बताया कि 4 मई से 18 मई 2024 तक 15 दिवसीय “उत्कृष्ट अटल प्रोग्राम” कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए अटल आवासीय विद्यालय की ओर से विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान स्पेस आर्ट और बेस्ट प्रोडक्ट डेवलपमेंट कंपटीशन भी कराया गया था। इसमें योग्यता के आधार पर छात्रा का चयन हुआ है। कार्यक्रम में छात्रों को अंतरिक्ष के रहस्यों और भारत के अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई थी। उन्हें व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से आधुनिक तकनीकों से परिचय कराया गया था। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के लिए एकेडमिक एवं एक्टिविटी का आयोजन किया जा रहा है।
सभी मंडलों में संचालित है अटल आवासीय विद्यालय
योगी सरकार प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित कर रही हैं। इस क्रम में वाराणसी के करसड़ा स्थित अटल आवासीय विद्यालय में निर्माण श्रमिकों, कोरोना कॉल में निराश्रित और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पात्र बच्चे निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अटल आवासीय विद्यालय में छात्र -छात्राओं के रहने के लिए अलग-अलग छात्रावास बने हुए है। बोर्डिंग विद्यालय में पाठ्यक्रम सीबीएसई बोर्ड पर आधारित है। अटल आवासीय विद्यालय में कक्षाएं स्मार्ट क्लास है। सीसीटीवी,सोलर पैनल, कंप्यूटर लैब ,एस्ट्रोनॉमी लैब आरओ का स्वच्छ पेयजल ,खेल गतिविधियां, यूनिफार्म, किताब,नोटबुक भोजन आदि सभी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अटल आवासीय विद्यालय योजना मील का पत्थर साबित हो रही है। शिक्षा के क्षेत्र में निराश्रित और गरीब बच्चों के लिए यह अत्यंत महत्पूर्ण व बड़ी पहल है। ये विद्यालय मॉडल स्कूल के रूप में जाना जाएगा। यहां शिक्षा के साथ अच्छा नागरिक बनने के लिए मूल्यों,संस्कारों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे विद्यार्थी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।
डॉ. अमरनाथ राय, प्रिंसिपल,अटल आवासीय विद्यालय ,करसड़ा ,वाराणसी
बड़े होकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती हूँ। सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला की तरह अंतरिक्ष यात्री बनकर देश का नाम रोशन करना चाहती हूं।
श्वेता सत्ते , छात्रा -कक्षा7 , अटल आवासीय विद्यालय, करसड़ा ,वाराणसी
उत्तर प्रदेश
हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।
हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।
संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।
अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।
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