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दिल्ली उच्च न्यायालय में पचौरी की जमानत के खिलाफ याचिका खारिज

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दिल्ली उच्च न्यायालय, पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी, जमानत के खिलाफ याचिका खारिज, आर. के. पचौरी पर यौन प्रताड़ना का आरोप, 29 वर्षीया युवती टेरी में शोध विश्लेषक

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दिल्ली उच्च न्यायालय, पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी, जमानत के खिलाफ याचिका खारिज, आर. के. पचौरी पर यौन प्रताड़ना का आरोप, 29 वर्षीया युवती टेरी में शोध विश्लेषक

नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी। यह याचिका पचौरी पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने वाली 29 वर्षीया युवती ने दायर की थी, जो टेरी में शोध विश्लेषक के रूप में काम कर चुकी हैं। याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एस. पी. गर्ग ने कहा, “ट्रायल कोर्ट ने दस्तावेजों का सूक्ष्मतापूर्वक अवलोकन करने के बाद ही 21 मार्च, 2015 को पचौरी को अग्रिम जमानत दी थी।” उच्च न्यायालय ने कहा, “याचिकाकर्ता के वकील अदालत को यह समझाने में असफल रहे हैं कि पचौरी को हिरासत में लेकर जांच करने से क्या हासिल होगा। पचौरी को जमानत देते वक्त याचिकाकर्ता के हितों का पूरा ख्याल रखा गया और जांच एजेंसी का भी। इसलिए आरोपी पर कड़ी शर्ते लगाई गईं।”

पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी पर है यौन प्रताड़ना का आरोप

दिल्ली पुलिस ने पचौरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत यौन प्रताड़ना का मामलाा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में 23 गवाहों और आरोपी तथा पीड़िता के बीच कई एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सअप मैसेज के आदान-प्रदान को सबूत के तौर पर पेश किए हैं। पीड़िता की तरफ से वकील प्रशांत मेदिरत्ता ने पचौरी की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि वह गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पचौरी एक प्रभावशाली इंसान हैं, जो 34 साल तक एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) से जुड़े रहे और वे अब भी इसके अधिकारियों के संपर्क में हैं। पीड़िता के वकील ने अदालत को टेरी के एक कर्मचारी का हवाला दिया, जिसने वहां से इस्तीफा देकर 11 जनवरी, 2016 पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि टेरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन पर पीड़िता और पचौरी के बीच मामले का निपटारा करवाने का दवाब डाला था। पचौरी ने हालांकि अदालत को बताया कि उन्होंने कभी टेरी या उसके अधिकारियों पर दवाब नहीं बनाया।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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