ऑफ़बीट
फुटपाथ पर सोने वाले ये दादा जी कभी ऑक्सफोर्ड में पढ़ाते थे, फेसबुक ने बदली जिंदगी
यह कहानी है एक ऐसे बुजुर्ग की जो ब्रिटेन की जानी-मानी यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड में प्रोफेसर था लेकिन वक्त बदला तो आज सड़क पर है। यह कहानी है उन दो बेटों की भी जिन्हें पाई-पाई जोड़कर उनके पिता ने विदेश भेजा और बदले में बेटे अपने बुजुर्ग बाप को भूल गए। यह कहानी उस बुजुर्ग की जिसने सबकुछ बर्बाद हो जाने के बाद भी भीख के लिए हाथ नहीं फैलाए, 76 बरस की पकी उम्र में भी हर दिन मेहनत करके ही दो वक्त की रोटी खाई। और यह कहानी है इंटरनेट की बेमिसाल ताकत की जिसकी बदौलत हिम्मत और जज्बे की यह दास्तान तमाम लोगों तक पहुंची और इस बुजुर्ग को रहने को ठिकाना मिल गया।
राजा सिंह फुल्ला 60 के दशक में अपने भाई के कहने पर ब्रिटेन से भारत आए। दोनों ने मुंबई में मोटर पार्ट्स का बिजनेस किया। राजा सिंह के भाई को शराब की लत थी, बिजनेस बर्बाद होने लगा लेकिन राजा सिंह ने जमकर मेहनत की बिजनेस संभाला और अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया। भाई की मौत के बाद बिजनेस ठप्प हो गया। बच्चे भी ब्रिटेन और अमेरिका में सैटल हो गए लेकिन पिता को भूल गए। राजा सिंह दिल्ली आ गए और कनाट प्लेस स्थित शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद वीजा सेंटर में फार्म भरने में लोगों की मदद करने लगे। बदले में लोग उन्हें कुछ रुपए-पैसे दे देते थे।
राजा सिंह यहीं एक सुलभ शौचालय में तैयार होते और अपने काम पर निकल जाते। जिस दिन काम न कर पाते उस दिन लंगर में खाना खाते। एक दिन दिल्ली के रहने वाले अविनाश सिंह की नजर उन पर पड़ी। वह हैरान थे कि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला बुजुर्ग फुटपाथ पर लावारिसों सी जिंदगी बिता रहा है। उन्होंने यह पूरी कहानी अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर की।
He is an Oxford graduate who shifted to India on the insistence of his brother in the Sixties – 60s. Today 76-year-old…
Gepostet von Avinash Singh am Freitag, 20. April 2018
जल्द ही लोगों ने मदद करनी शुरू कर दी। आज राजा सिंह न्यू राजेंद्र नगर के गुरूनानक सुखशाला ओल्डएज होम में रह रहे हैं। राजा सिंह के पास फोन तो है पर परमानेंट पता ना होने और आधार कार्ड ना होने से सिम का बंदोबस्त भी नहीं हो पा रहा है। लेकिन अब शायद उनकी यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
ऑफ़बीट
मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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