प्रादेशिक
मशहूर चित्रकार शिखा पांडे ने लॉकडाउन पर बनाई पेंटिंग, हर तरफ हो रही तारीफ
लखनऊ। कलाकार का शरीर भले ही लाॅकडाउन के पिंजरे में कै़द हो लेकिन कला उपासक के मन को बंधन में बांधना किसी के बस में नही, ऐसे ही एक कलाकार की कला इन दिनों घटते प्रदूषण और बढ़ती शान्ति में बिल्कुल किसी हरे भरे वृक्ष सी उभर रही है।
वाॅश चित्रकारी और चित्रकला के अन्य शाखाओं की सिद्धहस्त कलाकार शिखा पांडे की नवीन कलाकृति ‘‘लाॅकडाउन में हो तन किन्तु स्वस्थ्य रहे मन’’ अब बनकर तैयार है।
अगर पेंटिंग से जुड़ी एक विशेष विद्या वाॅश कला की बात की जाए तो पूरे देश में इस विद्या के अब कुछ ही जानकार बचे हैं इन्हीं नामों में से एक नाम शिखा पांडे का है। वे वाॅश विद्या की ज्ञाता तो है ही साथ ही चित्र कला से जुड़ी इस खत्म होती विद्या को बचाने का कार्य भी कर रही है।
जिस से आने वाली पीढ़ी इस कला को आगे बढ़ाएं और समय के साथ साथ वॉश कला भी प्रचलित विद्याओं में आ जाए।
शिखा को समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है।
राज्य ललित कला अकादमी पूरे देश भर में विभिन्न कला प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन करती रहती हैं। इन्हीं आयोजित कार्यशाला एवं कला प्रदर्शनी यों में शिखा पांडे को कई बार सर्वश्रेष्ठ कलाकार तथा वाश कला विशेषज्ञ के रूप में भी सम्मानित किया गया है।
शिखा पांडे को सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), कपड़ा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा, उनकी बनाई वाश चित्रकला के लिए फेलोशिप से भी सम्मानित किया जा चुका है।
हाल ही में क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी लखनऊ एवं प्रयागराज द्वारा 2019 की सर्वश्रेष्ठ कलाकार का सम्मान भी शिखा पांडे को प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में शिखा के द्वारा तैयार की गई वॉश कलाकृति अंतरंग को सभी ने बेहद सराहा और पसंद किया।
शिखा पाण्डेय ने कला की शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय के कला एवं शिल्प महाविद्यालय* से ग्रहण की और कला एवं शिल्प महाविद्यालय में ही विषय विशेषज्ञ के रूप में नौ वर्षों तक कार्यरत भी रहीं।
काॅलेज के दौरान चांसलर्स मेडल की विजेता शिखा को कला सेविका के रूप में कई बार विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में शिखा जी गोयल ग्रुप ऑफ इन्सटिट्यूशन के ललित कला संभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
यूं तो शिखा वर्तमान में कई नई पेन्टिंग्स को लेकर व्यस्त हैं जिनमें सरकार द्वारा मिले वज़ीफे और अन्य कला से जुड़ी संस्थाओं, ऑनलाईन कला प्रदर्शनी एवं उनके काॅलेज का कार्य भी सम्मिलित है किन्तु ऐसे में भी समाज से जुड़े उनके कार्य रूके नही हैं। हर काम फायदे के लिए नही किया जाता ये एक कलाकार से बेहतर कौन समझेगा!
कभी कभी कलाकारों को सरकार और अन्य समाजसेवी संस्थाओं की आवाज़ और अभिव्यक्ति बनकर सामने आना पड़ता है। करोना के चलते हुए लाॅकडाउन पर बनी शिखा की ये कृति मानव मन में चल रहे भावनाओं और भवुकताओं की उलझी शिराओं की एक सुलझी अभिव्यक्ति है।
शिखा की ये चित्रकारी ग़ौर से देखने पर साफ संदेश मिल जाता है कि करोना नाम की इस वैश्विक महामारी या दैवी प्रकोप के चलते शक्तिशाली से शक्तिशाली मनुष्य का शरीर भी कांच से ज़्यादा मज़बूत नही रह गया है।
ऐसे में जब शरीर बंधनों में बंधा हो तो क्यूं न मन की उड़ान को जिजीविषा का संबल बना लिया जाए। मन तो स्वभाव से ही चंचल होता है उसे स्थिर कर, उसमें सवार होकर मनुष्य कभी स्वप्न में तो कभी दिवास्वप्न में न जाने कहां कहां भ्रमण कर आता है।
वहीं जब वास्तव में इस मन की उड़ान का आश्रय लेने का समय आया है तो क्यूं ये शरीर दर दर भटकने को छटपटाता है, और एक बार सोचने का विषय तो यह है कि जब सारा संसार एक समान खतरे में घिरा है तो फिर हम भला कहां जाने या भागने की सोच रहे हैं।
वास्तव में यही तो समय है जब केवल मन के पंछियों को उड़ने दिया जाए और शरीर को स्थिर कर घर की दहलीज़ के भीतर ही रोक दिया जाए और जैसे नियमों का पालन करने का अनुरोध शासन, प्रशासन और अन्य संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है, उनका हम पूरी ईमानदारी से पालन करें। जिससे हम, हमारा परिवार और सारा समाज सुरक्षित रहे।
अन्य राज्य
हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल
बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।
हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां
बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था
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