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Success Story

पहले कमाता था 8 हज़ार महीना फिर किया एक कोर्स अब 3.5 लाख है हर महीने की कमाई

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भोपाल। आज के दौर में खेती-बाड़ी से युवाओं को कोई मतलब नहीं होता है। सिर्फ पढाई के बाद अच्छी सी नौकरी करना चाहते है। खेती -बाड़ी के बारे में सोचना भी नहीं चाहते है। इन सबके बीच में मध्य प्रदेश के रहने वाले एक शख्स ने एग्रीकल्चर से बीएससी करने के बाद संविदा पर सरकारी विभाग में नौकरी की। नौकरी में मन नहीं लगा तो उसने दो महीने का एक ट्रेनिंग कोर्स ज्वाइन किया।

इस ट्रेनिंग ने उस शख्स की लाइफ ऐसी बदली कि आज वह हर महीने 3.5 लाख रुपए की कमाई कर रहा है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले लखन सिंह सेमिल ने बताया कि एग्रीकल्चर में बीएससी करने के बाद वो सरकारी विभाग में संविदा पर 8 हजार रुपए की नौकरी करने लगे। नौकरी के दौरान उन्होंने देखा कि किसानों की खेती करने की तकनीक सही नहीं है औऱ इससे पानी की ज्यादा बर्बादी हो रही है।पानी की बचत और खेती की लागत कम करने के लिए उन्होंने सरकार की मदद ली औऱ ट्रेनिंग से मिली सीख से अपना खुद का बिजनेस शुरू किया। किसानों की समस्याओं को दूर करने और एग्रीकल्चर में रोजगार के नए अवसर पैदा कर बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार लोगों को ट्रेनिंग देती है।

इसके अलावा सरकार ने खेती को एक करियर के रूप में बनाने के लिए अनेक शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने के साथ एग्री प्रोडक्ट्स का बिजनेस करने के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। एग्री बिजनेस सेंटर से ट्रेनिंग लेने वाले शख्स को बिजनेस शुरू करने के लिए बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है।

लखन ने कहा कि उन्हें प्रोटेक्टेड कल्टिवेशन का कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा लगा। इसलिए उन्होंने सरकार द्वारा कराई जा रही ट्रेनिंग में भाग लिया औऱ वहां पॉलीहाउस कल्टिवेशन ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया। पॉलीहाउस तकनीक खेती से दोगुने से भी ज्यादा प्रॉफिट मिलता है।ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वो किसानों को पॉलीहाउस तकनीक के फायदे के बारे में किसानों को बताया। अब वो खुद पॉलीहाउस कंसल्टेंसी का काम कर रहे हैं। किसानों की कॉल पर वो पॉलीहाउस डिजाइन कर खुद स्थापित करते हैं।

एक एकड़ में पॉलीहाउस लगाने में 1.25 लाख रुपए का खर्च बैठता है। जिस पर किसानों को सरकार से 50 से 60 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है। किसानों के जागरूक होने से उनका बिजनेस बढ़ रहा है जिसकी वजह से उनकी कंपनी का टर्नओवर सालान 4 करोड़ रुपए हो गया है।

लखन का कहना है कि पॉलीहाउस में टमाटर, गोभी, कैप्सिकम, चेरी टमाटर, घेरकीन आदि की खेती पूरे साल की जा सकती है। उनके मुताबिक, सालाना टर्न ओवर पर 10 फीसदी का प्रॉफिट हो जाता है। यानी वो साल में 40 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने यहां 15 से 20 लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

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सादगी की मिसाल फुटबॉलर सादियो माने: हर हफ्ते 1.4 करोड़ कमाई, रखते हैं टूटा फ़ोन

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लंदन। इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रतिदिन किसी न किसी सेलिब्रिटी के फोटो या वीडियो वायरल होना अब आम बात होती जा रही है, लेकिन वेस्ट अफ्रीका के स्टार फुटबॉलर सादियो माने की एक फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। उनकी या फोटो करीब ढाई साल पुरानी है जिसे देखकर हर कोई हैरान नजर आ रहा है और अरबों रुपए सालाना कमाने वाले इस प्लेयर की मिसाल दे रहा है।

सादियो माने की हाथ में दिखा टूटा i-phone 11

30 वर्षीय सादियो माने की जो फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है यह वही फोटो है जिसमे उनके हाथ में एक टूटा  i-phone दिख रहा है जिसकी स्क्रीन टूटी हुई दिख रही है। यह फोटो करीब ढाई साल पुरानी यानी दिसंबर 2019 की है।

बता दें कि जिस वक़्त उन्हे इस टूटे फ़ोन के साथ देखा गया था, उस दौरान इनकी कमाई भारतीय रुपयों में हर सप्ताह 1 करोड़ 40 लाख थी। उन्हें कई जगह इसी टूटे हुए फोन के साथ देखा गया।

इसी साल साइन किया है 330 करोड़ का contract!

सादियो माने 2020 में इंग्लिश प्रीमियर लीग (EPL)  में इंग्लैंड के एक सम्मानित फुटबॉल क्लब लीवरपूल के लिए खेलते थे और उन्होंने इसी साल 22 जून को जर्मनी के क्लब बायर्न म्यूनिख के साथ तीन साल के लिए करीब 330 करोड़ रुपये (40 मिलियन यूरो) का contract साइन किया है।

अपने टूटे हुए मोबाइल लेकर क्या बोले Sadio Mane

30 वर्षीय सादियो माने से जब उनके टूटे हुए फोन के बारे में पुछा गया तो उन्होंने इस सवाल ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर हर कोई उनकी सादगी का मुरीद हो गया। Sadio Mane ने  एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, ‘मैं फोन ठीक करवा लूंगा।’

जब उनसे नया फ़ोन खरीदने के लिए कहा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं ऐसे हजार खरीद सकता हूँ। मुझे 10 फरारी, 2 जेट प्लेन और 20 डायमंड घड़ियों की क्या जरूरत… मुझे ये सब क्यों चाहिए? मैंने गरीबी देखी है मैं पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पाया। मै फटे हुए जूते पहनकर फुटबॉल खेलता था, अच्छे कपड़े नही थे, खाने को नही था।

आज मुझे इतना कुछ मिला है तो मैं उसका दिखावा क्यों करूँ बल्कि इसके बजाये मैं उसे अपने लोगों के साथ बांटना चाहता हूं.”यही वजह है कि मैंने अपने देश में स्कूल बनवाए ताकि बच्चे पढ़ सकें, फुटबॉल स्टेडियम बनवाए हैं।’

इस बात को सुनकर हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थक रहा है,लोग उनकी मिसाल दुनियाभर में दे रहे हैं, क्योंकि अफ्रीकी देश के स्टार फुटबॉलर Sadio Mane अपने फोन को नहीं बल्कि अपने देश के गरीबों को ज्यादा तवज्जो देते हैं और उनकी मदद करने से भी कभी भी पीछे नहीं हटते।

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