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अब बकरी पालन से कमाएंगे हर महीने इतने रूपए कि, अपनी नौकरी आराम से छोड़ सकते हैं, जानिए कैसे?

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पटना। आज का किसान केवल खेतों तक सीमित नहीं है। ये किसान मौसम की मार को भी झेल कर फसल ऊगा सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर सियासतदायों के खिलाफ सैंकड़ों किलोमीटर तक पैदल मार्च भी कर सकते हैं। ये किसान आधुनिकता का मारा है। जैसा की कहा जाता है कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। आधुनिकता और रोजगार के लिए बढ़ते आभावों के चलते किसानों ने अपना एक नया व्यवसाय ढूंढ लिया है। इस धंधे का नाम है “बकरी पालन”।

बेगुसराय में हुए एक प्रशिक्षण शिविर में पशु चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने बकरी में उत्पन्न होने वाली बीमारी व उसके इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बकरी पालन से प्रत्येक महीने किसान 20 से 25 हजार रुपए कमा सकते हैं। एक समय था जब पशु पालन कठिन दौर से गुज़र रहा था, लेकिन आज की तारीख में ये आसान हो गया है। बकरों की उत्तम नस्ल में आज ‘बरबरी बकरा’ का नाम सबसे ऊपर आता है। इस प्रजाति की बकरी जहां ज्यादा दूध तो देती ही हैं, वहीं इसका बकरा भी स्वस्थ और वजनी होता है।

इस प्रजाति की बकरी अच्छी पालन विधि से पोषण करने पर एक साल में ही दो बार बच्चा पैदा कर सकती है। प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता आत्मा अध्यक्ष अवंतिका देवी ने की। शैल देवी, बबीता देवी, शोभा देवी, अनमोल देवी समेत दर्जनों महिला प्रशिक्षु थे।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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