Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

फिल्‍म समीक्षा फितूर: कमजोर पटकथा, लेकिन खूबूसूरत फिल्मांकन

Published

on

फिल्‍म समीक्षा फितूर, कमजोर पटकथा, खूबूसूरत फिल्मांकन, चार्ल्स डिकेन की 19वीं सदी की नॉवेल 'ग्रेट एक्सपेक्टेशन', निर्देशक अभिषेक कपूर, आदित्य राय कपूर, तब्बू, कटरीना कैफ

Loading

मुंबई। चार्ल्स डिकेन की 19वीं सदी की नॉवेल ‘ग्रेट एक्सपेक्टेशन’ पर आधारित अभिषेक कपूर की फिल्म ‘फितूर’ का हर फ्रेम महत्वाकांक्षा और सुंदरता में जैसे डूबा हुआ है। अनय गोस्वामी द्वारा बेहद खूबसूरती से फिल्माई गई ये फिल्म बहुत आराम से एक ऐसी दुनिया में सेट है जहां समय का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अभिषेक कपूर कहानी को विक्टोरियन इंग्लैंड से कश्मीर में सेट करते हैं, जहां 9 साल के नूर का दिल घमंडी और शाही फिरदौस पर आ जाता है, जिसे वो पहली बार उसकी मां हजरत बेगम यानी तब्बू के एस्टेट में देखता है। दोनों बच्चे अच्छे दोस्त बन जाते हैं। पर बार-बार नूर को ये एहसास दिलाया जाता है कि फिरदौस उसकी पहुंच से बाहर है।

15 साल बाद नूर यानी आदित्य राय कपूर को दिल्ली की आर्ट रेजिडेंसी में स्कॉलरशिप मिलती है, वो कामयाबी की ओर बढ़ ही रहा है, कि उसकी मुलाकात फिर फिरदौस से होती है, जिसे किरदार में कटरीना कैफ हैं। नूर को एहसास होता है कि आज भी फिरदौस हर बार उसे मिक्स्ड सिगलन्स देती है और अंत में वो नूर को दूरी बनाए रखने के लिए कहती है, क्योंकि वो अपनी मां द्वारा पसंद किए गए पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ से शादी करने जा रही है। फिल्म के पहले घंटे में मैं पूरी तरह से कहानी और किरादारों में घुसा रहा पर इंटरमिशन के बाद फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना मजबूत नहीं है। कश्मीर के तनाव भरे राजनीतिक मौसम को कहानी में बुना नहीं गया है, हैदर की तरह। जो हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ये फिल्म कश्मीर में सिर्फ इसकी खूबसूरती दर्शाने के लिए सेट की गई है।

फिल्म के दूसरे घंटे में हम हजरत बेगम के किरदार को और नजदीक से समझ पाते हैं, जो चार्ल्स डिकेन की नॉवेल से मिस हैविशम के किरदार पर बेस्ड है। कड़वाहट और अकेलेपन से भरे इस किरदार में तब्बू लाजवाब हैं, जो नूर का दिल तोड़ने के लिए सही चाल चलती है। फिल्म की राइटिंग सिलसिलेवार नहीं होने के बावजूद भी तब्बू इस किरदार को इंसानियत से भरती हैं, जो आसानी से करेक्टराइज हो सकता था। फितूर की सबसे बड़ी ताकत या कमजोरी इसके लीड पेयर ही हो सकते हैं जहां तक मेरी राय है, मैं बहुत सरप्राइज हुआ। आदित्य रॉय कपूर बेहद ईमानदार हैं, और हम बार मैनिपुलेट होने के बावजूद भी वो नूर की मासूमियत को पर्दे पर उतारते हैं। वहीं खूबसूरत कटरीना कैफ अक्सर अपनी फिल्मों की कमजोर कड़ी मानी जाती हैं, वो फिरदौस के किरदार के लिए बेहद स्मार्ट च्वाइस हैं। वो उस मिस्ट्री को अपने चेहरे पर बहुत सही ढंग से दर्शाती हैं। फितूर एक परफेक्ट फिल्म नहीं है, पर ये इतनी खूबी से बनाई गई है जो आंख और कान दोनों को अच्छी लगती है। मैं फितूर को 5 में 2.5 स्टार देता हूं।

मनोरंजन

असित मोदी के साथ झगड़े पर आया दिलीप जोशी का बयान, कही ये बात

Published

on

Loading

मुंबई। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में जेठालाल गड़ा का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स छापी गईं, जिनमें दावा किया गया कि शो के सेट पर उनके और असित मोदी के बीच झगड़ा हुआ। फिलहाल अब दिलीप जोशी ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है और खुलासा करते हुए बताया है कि इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है। अपने 16 साल के जुड़ाव को लेकर भी दिलीप जोशी ने बात की और साफ कर दिया कि वो शो छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और ऐसे में अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।

अफवाहों पर बोले दिलीप जोशी

दिलीप जोशी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं बस इन सभी अफवाहों के बारे में सब कुछ साफ करना चाहता हूं। मेरे और असित भाई के बारे में मीडिया में कुछ ऐसी कहानियां हैं जो पूरी तरह से झूठी हैं और ऐसी बातें सुनकर मुझे वाकई दुख होता है। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा शो है जो मेरे और लाखों प्रशंसकों के लिए बहुत मायने रखता है और जब लोग बेबुनियाद अफवाहें फैलाते हैं तो इससे न केवल हमें बल्कि हमारे वफादार दर्शकों को भी दुख होता है। किसी ऐसी चीज के बारे में नकारात्मकता फैलते देखना निराशाजनक है जिसने इतने सालों तक इतने लोगों को इतनी खुशी दी है। हर बार जब ऐसी अफवाहें सामने आती हैं तो ऐसा लगता है कि हम लगातार यह समझा रहे हैं कि वे पूरी तरह से झूठ हैं। यह थका देने वाला और निराशाजनक है क्योंकि यह सिर्फ हमारे बारे में नहीं है – यह उन सभी प्रशंसकों के बारे में है जो शो को पसंद करते हैं और ऐसी बातें पढ़कर परेशान हो जाते हैं।’

Continue Reading

Trending