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उत्तराखंड

VIDEO में देखिए उत्तराखंड की वो डरावनी तस्वीर, जो खबरों में कम दिखाई जाती है

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पिछले हफ्ते बुधवार को उत्तराखंड के गढ़वाल के कनेरी क्षेत्र के जंगलों में आग फैल गई। यह आग तेज़ी से फैलती गई और बढ़कर डिडोली, और नंदप्रयाग के जंगलों तक फैल गई। जलते हुए जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए गोपेश्वर रेंज वन अधिकारी आरती मैठाणी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय टीम मौके पर आग बुझाने पहुंची लेकिन तब तक जंगल का अधिकांश हिस्सा जल चुका था।

अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले दिनों भारत की एक ऐसी सैटेलाइट इमेज जारी की, जो हैरान करने वाली थी। इस तस्वीर में देश के वों हिस्से दिखाए गए थे, जहां इस समय आग लगी हुई है। दो मार्च को खींची हुई इस तस्वीर में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और दक्षिणी भारत के कुछ राज्य दिखाए गए हैं। इनमें लगी आग लाल रंग की बिंदियों के रूप में दिखाई दे रही है। नासा की ओर से भेजी गई तस्वीर में आप जलते हुए उत्तराखंड के जंगलों के हिस्से को साफ तौर पर देख सकते हैं।

भारत में आग लगने का संकेत देता नासा का चित्र।

 

वन विभाग उत्तराखंड के मुताबिक इस वर्ष राज्य में 26 स्थानों में वनाग्नि के अलर्ट मिले हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले पौड़ी-गढ़वाल क्षेत्र के हैं। इस क्षेत्र में चीड़ के जंगल भी सबसे अधिक हैं।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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