प्रादेशिक
ग्रेटर नोएडा में लाइव हुआ पहला डेटा सेंटर ‘योट्टा डी-1’
लखनऊ: उत्तर भारत का पहला हाइपरस्केल डेटा सेंटर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में लाइव हो गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भव्य समारोह में भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इस महत्वपूर्ण परियोजना का लोकार्पण किया। खास मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग इंटरनेट डेटा की बात करते हैं तो दुनिया का ध्यान सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर जाता है। आज भारत में 150 करोड़ माेबाइल फोन धारक और 65 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता है। यानी पूरी दुनिया का 20 प्रतिशत डेटा यहीं उपयोग होता है, लेकिन स्टोरेज क्षमता मात्र 2 फीसदी थी। यानी उपयोगकर्ता भारत है, लेकिन इसके डाटा को स्टोर करने के लिए दुनिया में जमीन तलाशनी पड़ती थी। आज हीरानन्दानी समूह ने उत्तर प्रदेश में डेटा सेंटर की स्थापना में सहयोग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अभियान को गति दी है। एक भारतीय द्वारा उत्तर भारत का पहला डेटा सेंटर उत्तर प्रदेश में स्थापित करने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डेटा सेंटर के माध्यम से देश ने यह साबित किया है कि हम डेटा को अपने यहां ही सुरक्षित रख सकते हैं। सीएम ने कहा कि भारत का युवा आज पूरी दुनिया के आईटी फील्ड में डिजिटल क्रांति कर रहा है तो जब उसे यहीं वह सारी सुविधाएं-संसाधन उपलब्ध होंगे तो निश्चित ही वह दोगुनी ऊर्जा से अपनी प्रतिभा का लाभ देगा। जैसे डबल इंजन की सरकार अपनी क्षमता का उपयोग कर रही है।
भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डेटा सेंटर का नया हब बनने जा रहा है। पूर्व में जब उत्तर प्रदेश ने अपनी डेटा सेंटर पॉलिसी लागू की थी, तब देश में कुल स्टोरेज क्षमता मात्र 400 मेगावाट थी। हमने 2026 तक ₹20,000 करोड़ के निवेश के साथ 250 मेगावाट स्टोरेज क्षमता का लक्ष्य रखा। और आज यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पॉलिसी के पहले ही वर्ष में यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। आज देश-विदेश के अनेक निवेशकों की ओर से 600 मेगावाट के प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिन्हें समयबद्ध रूप से बढ़ाया जा रहा है। डेटा सेंटर क्षेत्र में निवेशकों को आमंत्रित करते हुए मुख्यमंत्री ने नई पॉलिसी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई पॉलिसी में न केवल भूमि आवंटन प्रक्रिया को और सरल बनाया है, बल्कि बिजली की उपलब्धता सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हर बिंदु पर निवेशकों की जरूरतों का ध्यान रखा है। इस अवसर पर हीरानन्दानी समूह की ओर से आगामी 05 वर्ष में ₹39000 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू भी किया गया।
नोएडा अभिशप्त था, आज विकास की राह पर है
2017 के बाद बदली प्रदेश की तस्वीर का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन पूर्व में उन संभावनाओं को टटोलने का प्रयास नहीं किया। इससे पहले जब भी प्रदेश में जब भी अच्छे कदम उठाने की बात होती थी तो यहां बैरियर के रूप में अनेक चीजें जाती थीं। अपने निजी अनुभव साझा करते हुये उन्होंने कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद मैने जब नोएडा की यात्रा शुरू की थी, विपक्ष के मित्रों ने कहा कि यह क्षेत्र अभिशप्त है। नोएडा जाएंगे तो कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। लेकिन मैं लगातार नोएडा आता रहा। योगी ने कहा कि हम जनता धोखा नहीं कर सकते। हमने जिन लोगों के लिए संकल्प लिया, जिन्होंने हम पर भरोसा किया, उसे पूरा करेंगे। एनसीआर में बढ़ते औद्योगिक निवेश की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जनपद में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास तीनों अथॉरिटी है। यह क्षेत्र आईटी का प्रमुख केंद्र है। आज यहां देश-विदेश से निवेशक आ रहे हैं। यहां वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर है, मैन पावर भी सबसे अच्छा है। प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है, उन्हीं की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश ने 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो संभव होता हुआ दिख रहा है। उत्तर प्रदेश में निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में आज उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभर कर आया है। यहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। ईज ऑफ लिविंग में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि जनता हो या निवेशक, सभी की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उत्तर भारत के 5 जी रिवोल्यूशन का पहला पिलर होगा योट्टा डी-1
हीरानन्दानी समूह द्वारा 20 एकड़ में फैले इस डेटा सेंटर पार्क में कुल 06 डेटा सेंटर होंगे। सात मंजिला योट्टा डी-1 इसी कड़ी का पहला हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप तैयार इस खास डेटा सेंटर में 04 विभिन्न रास्तों से सभी बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए डायरेक्ट फाइबर कनेक्टिविटी उपलब्ध है। योट्टा डी-1 में इंटरनेट पीयरिंग एक्सचेंजेस और और ग्लोबल क्लाउड ऑपरेटर्स की डायरेक्ट फाइबर कनेक्टिविटी है, जो इसे ग्लोबल कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद उपयोगी बनाती है। यही नहीं, योट्टा डी-1 उत्तर भारत के 5 जी रिवोल्यूशन का पहला पिलर होगा। यहां से एज डेटा सेंटर उपभोक्ताओं को मनपसन्द वीडियो, गेम व अन्य संबंधित डेटा को हाईस्पीड इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल के नेटवर्क को पहुंचाया जा सकेगा। डिजिटल इंडिया को सपोर्ट करने के लिए इस डेटा सेंटर से पब्लिक क्लाउड सर्विस, साइबर सिक्योरिटी, डिजास्टर रिकवरी सहित कई अन्य सेवाएं भी प्राप्त होंगी। 50 मेगावॉट के पॉवर पर चलने वाला यह डेटा सेंटर आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुरक्षित रखा गया है, ताकि हजारों- करोड़ों के सर्वर्स, स्टोरेज और नेटवर्क और उन पर चलने वाले डिजिटल एप्लिकेशन और कंटेंट सुरक्षा के साथ सुगमतापूर्वक उपभोक्ताओं को उपलब्ध रहे। डेटा सेंटर में 48 घन्टे का पॉवर बैकअप भी है।
तीन और डेटा सेंटर हो रहे तैयार
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है, ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार खास ध्यान दे रही है। डाटा सेन्टर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी 2021 में उ.प्र. डाटा सेन्टर नीति अधिसूचित की गई है। नीति के अन्तर्गत विभिन्न निवेशकों द्वारा वर्तमान में लगभग ₹15,950 करोड़ से अधिक निवेश से 04 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। इनमें 9134.90 करोड़ के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की ₹1687 करोड़ के निवेश वाली मेसर्स एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा ₹2414 करोड़ व ₹2713 करोड़ की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं। विगत 03 जून को सम्पन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यह निवेश प्रस्ताव भी सम्मिलित थे। इन परियोजनाओं के शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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