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कम्प्यूटर की मदद से माइनस 100 डिग्री तापमान में पहली बार उगाई गईं सब्ज़ियां

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अगर आप से कोई कहे कि आपको माइनस 100 डिग्री तापमान में सब्ज़ियों की खेती करनी है, तो आपका जवाब क्या होगा? शायद आप यही कहेंगे कि ऐसा संभव नहीं है। लेकिन इस असंभव काम को संभव कर दिखाया है जर्मनी के वैज्ञानिकों ने।

दुनिया की सबसे ठंडी जगह है अंटार्कटिका, यहां न तो मिट्टी होती है और न ही सूरज की रोशनी, पूरे वर्ष बर्फ गिरती रहती है। इस वजह से यहां पर खेती करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।

लेकिन इस काम को जर्मनी के वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है। उन्होंने पहली बार माइनस सौ डिग्री तापमान में सब्ज़ी उगाई है। लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था। इसके लिए वैज्ञानिकों ने जर्मन एयरोस्पेस रिसर्च स्टेशन (जीएआरएस) नॉयमार थ्री के पास 400 मीटर लंबा एक ग्रीन हाउस चैंबर बनाया। एक खास तरह का पोषक घोल बनाया था। जिसे कम्प्यूटर द्वारा नियंत्रित किया जाता था। कुछ मिनटों के अंतराल पर इसका छिड़काव किया जाता था। इसके साथ ही चैंबर में लाल, नीली और हरी एलईडी लाइट और 42 लैंप्स भी लगाए गए।

इन सब चीजों की मदद और अपने कठिन परिश्रम के बाद वैज्ञानिकों ने पहली बार 3.6 किलो हरी पत्तेदार सब्जियां उगाईं, जिसमें 18 खीरे और 70 मूलियां भी शामिल हैं।

जीएआरएस से जुड़े पॉल साबेल ने बताया कि सब्जी उगाने के लिए बीजों को फरवरी में बोया गया था। तब से ही सब्जियों के इन पौधों के बढ़ने का इंतजार किया जा रहा था। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम हर हफ्ते 4-5 किलो टमाटर, मूली, मिर्च और अन्य पत्तेदार सब्जियां उगाने में सफल होंगे।

नॉयमायर स्टेशन 10 महीने तक दुनिया से कटा रहता है। यहां वैज्ञानिकों को खाने से संबंधित बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जो भी खाने का सामान वह अपने साथ लाते हैं उन्हें उसी से काम चलाना पड़ता है। लेकिन इस प्रोजेक्ट से वैज्ञानिकों को एक नई उम्मीद मिली है। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट से एकत्रित की गई जानकारियों का इस्तेमाल वह चंद्रमा और मंगल ग्रह के विभिन्न अभियानों में करेंगे।

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IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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