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बैंकिंग इतिहास में पहली बार एक बैंक दूसरे बैंक को करने जा रहा है डिफॉल्टर घोषित

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बैंकिंग इतिहास में पहली बार एक बैंक दूसरे बैंक को करने जा रहा है डिफॉल्टर घोषित

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नई दिल्ली। भारतीय बैंकिंग इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है जब एक बैंक दूसरे बैंक को डिफॉल्टर घोषित करने की तैयारी में है। हालांकि अभी महज कयास लगा जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भारतीय बैंकिंग इतिहास की पहली घटना होगी।

इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी बैंक ने दूसरे बैंक को दिवालिया घोषित किया हो। लेकिन अगर ऐसा होता है तो सरकार और आरबीआई को बीच-बचाव के लिए आगे आना पड़ेगा। दरअसल, मामला पंजाब नेशनल बैंक की ओर से जारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoU) के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने करीब 1000 करोड़ रुपए के लोन दिए थे, जिसकी अदायगी अगले कुछ दिनों में करनी थी।

सूत्रों की मुताबिक अगर पंजाब नेशनल बैंक ने 31 मार्च तक एक हजार करोड़ की राशि का भुगतान नहीं किया तो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया PNB को डिफॉल्टर घोषित कर सकता है। साथ ही पीएनबी के लोन को भी एनपीए की कैटेगरी में भी डाला जा सकता है।

मुश्किलों में पीएनबी

रेटिंग एजेंसी से जुड़े एक अफसर ने कहा-यदि किसी बैंक का नाम डिफाल्टर्स की सूची में है तो यह बहुत मसला है। हालांकि यह ऐसी परिसंपत्ति है जो अन्य एनपीए से काफी अलग है, जहां कारपोरेट घराने उधारकर्ता हैं। यहां उधारकर्ता की क्षमता या इरादे पर कोई सवाल नहीं है। फिर भी, हम आरबीआई या सरकार से एलओयू के संदर्भ में कुछ स्पष्टता की प्रतीक्षा करेंगे। इस बीच कई बैंक एलओयू के स्थान पर बैंक गारंटी प्रारूप में बदलाव कर रहे हैं।

बैंकिंग इतिहास में पहली बार एक बैंक दूसरे बैंक को करने जा रहा है डिफॉल्टर घोषित

इतिहास में पहली बार बैंक घोषित होगा डिफॉल्टर

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सीनियर बैंकर ने इसे अजीब स्थिति बताया है. पहली बार किसी बैंक को टेक्निकल तौर पर डिफॉल्टर करार दिया जाएगा।’ फ्रॉड को देखते हुए बैंकों को बकाया रकम के लिए तुरंत पूरी प्रोविजनिंग करनी है और ऐसे लोन को एनपीए भी घोषित करना है। ऐसे नुकसान को दूसरे फंसे हुए लोन से अलग तरीके से दर्ज करना होता है, जिनमें डिफॉल्ट के 90 दिनों बाद एनपीए का टैग लगता है।

क्या कहना है यूनियन बैंक का

यूनियन बैंक के एमडी राजकिरण राय ने कहा, ‘हमारे लिए तो यह पीएनबी के सपॉर्ट वाले डॉक्युमेंट्स पर वैध दावा है। यह हमारे बही-खाते में फ्रॉड नहीं है। हम ऑडिटर्स से राय लेंगे। हालांकि, हम नहीं चाहते हैं कि पीएनबी को डिफॉल्टर के रूप में लिस्ट किया जाए। हमें सरकार या आरबीआई की ओर से दखल दिए जाने की उम्मीद है क्योंकि 31 मार्च तक रिजॉल्यूशन होना है।

अन्य बैंकों से भी है विवाद
पीएनबी और एलओयू के आधार पर कर्ज देने वाले कुछ बैंकों के बीच विवाद हैं, लेकिन नीरव मोदी और मेहुल चैकसी के डिफॉल्ट्स को फ्रॉड मान लिया गया है। एफआईआर दर्ज की गई हैं और सरकारी एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। एक अन्य बैंकर ने कहा, ‘इन हालात में कई बैंक ऑडिटर्स 31 मार्च से पहले मैच्योर हो रहे एलओयू को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए एनपीए करार देने पर जोर दे सकते हैं।’

फिल्हाल एलओयू के इस्तेमाल पर है रोक
एलओयू आमतौर पर व्यापार के लिए आसान और सस्ता साधन माना जाता है। कुछ बैंकों ने आरबीआई के अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा भी की है। हाल में एलओयू से धोखाधड़ी के मामलों का खुलासा होने के बाद रिजर्व बैंक ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।

जल्द मिलेगा नया विकल्प

एक बैंकर के मुताबिक इंडस्ट्री को जल्द एलओयू का विकल्प मिलेगा. बता दें कि एलओयू के जरिए 20 से 40 बिलियन डॉलर का व्यापार होता रहा है। अमेरिकी फेडरर की आसान मनी पॉलिसी से डॉलर की तरलता के बीच इसमें पिछले सात से आठ वर्षों में बढ़ोत्तरी हुई थी।

 

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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