Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मथुरा के लोगों को मिली खुशियों की सौगात, शुरु हुआ FM फ्रीक्वेंसी का ट्रायल

Published

on

मथुरा

Loading

मथुरा। प्रसार भारती द्वारा संचालित आकाशवाणी मथुरा अब रेडियो के साथ मोबाइल और कार में भी सुना जा सकेगा। इसके लिए दस किलोवाट फ्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन (एफएम) ट्रांसमीटर की मंजूरी पूर्व में ही मिल चुकी थी, जोकि अब ट्रायल सिग्नल पर लाई जा चुकी है।

मथुरा

ऑल इंडिया रेडियो मथुरा आकाशवाणी के केंद्र प्रमुख राकेश शर्मा और कार्यक्रम प्रमुख यतेंद्र चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में ही दस किलोवाट क्षमता के एफएम ट्रांसमीटर की मंजूरी प्राप्त हो गई थी जिसकी स्थापना का कार्य किया जा चुका है।

मथुरा

बता दें कि साल 1967 में आकाशवाणी मथुरा की स्थापना के बाद से ही क्षमता मात्र एक किलोवाट थी। सिग्नल ट्रबल के चलते रेडियो प्रसारण पर कई बार व्यवधान उतपन्न होता था जिसके चलते आवाज साफ नहीं सुनाई देती थी। अब एफएम प्रसारण को मद्देनजर रखते हुए यहां जापानी तकनीक का अत्याधुनिक दस किलोवाट का ट्रांसमीटर लगने से रेडियो पर साफ आवाज सुनाई दे सकेगी।

इसके साथ ही अब आकाशवाणी मथुरा मोबाइल और कार में भी सुनना संभव हो सकेंगा। प्रसार भारती निदेशालय अंतर्गत केंद्रीय कार्यालय मंडी हाउस व एस टी आई टी  दिल्ली से मथुरा आई इंजीनियरिंग की टीम ने विगत बुधवार से इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। प्रारंभिक दौर में यह 25 किलोमीटर के दायरे में सुना जा सकेगा। इसके बाद मथुरा एफएम का दायरा 50 से 60 किलोमीटर कर दिया जायेगा।

आज के आधुनिक युग के नये दौर में भले ही रेडियो का चलन पुराने जमाने की बात होकर ही क्यों न रह गया हो लेकिन आज भी इसी रेडियो पर मथुरा-वृंदावन केंद्र की अनेक प्रस्तुतियां लोगों के जहन में गहराई से जगह बनाए हैं। इसमें उद्घोष होने वाली ऑल इंडिया रेडियो के प्रसारण की धुन या उद्घोषक द्वारा प्रथम उच्चारण उद्घोष (‘यह आकाशवाणी का मथुरा वृन्दावन केंद्र है और आप सुन रहे हैं ब्रज माधुरी’)   मथुरा केंद्र के प्रमुख उद्घोषकों में से एक राधाबिहारी गोस्वामी की दिल को छूने वाली ब्रज भाषा में वह आवाज “सब भइयनकू राम-राम यह आकाशवाणी कौ मथुरा-वृंदावन केंद्र है।”

ऐसी अनेक प्रस्तुतियों को ब्रजवासी आज भी याद करते हैं। अब इसी आकाशवाणी केंद्र को सरकार नये दौर का एफएम का रूप देने जा रही है। केंद्र व्यवस्थापक के अनुसार इसके लिए विगत  तीन वर्षों से तैयारियां चल रही थीं जोकि अब अपने अंतिम चरण में है।

आपको बता दें कि इन नवरात्रों के पहले दिन बुधवार को दिल्ली से मथुरा आई सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एवम प्रसार भारती की एक विशेष तकनीकी टीम ने एफएम की टेस्टिंग शुरू कर दी है।

इस टीम का नेतृत्व केंद्र के सहायक निदेशक तकनीकी राकेश त्यागी कर रहे हैं। हालांकि अभी टेस्ट सिग्नल पर प्रथम संचालन हेतु फिलहाल मात्र 100 फीट का टावर लगाया गया है, जिसकी क्षमता करीब 20 से 25 किलोमीटर बताई जा रही है माना जा रहा है की इसके सफल परीक्षण के बाद अगले चरण में यहां 300 फीट का टावर लगना मुय्यन है, जिससे एफएम 102 मेगा हट्स मथुरा आकाशवाणी केंद्र की आवाज 50 से 60 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देगा करीब एक सप्ताह एफएम का ट्रायल संभावित है।

द्वारकेश बर्मन की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

Published

on

Loading

प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

Continue Reading

Trending