अन्तर्राष्ट्रीय
UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता की बेल्जियम के पूर्व PM ने की वकालत, कही यह बात
कोलकाता। बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री यवेस लेटरमे ने यूएनएससी में भारत को स्थायी रूप से शामिल करने की पुरजोर वकालत की है। लेटरमे ने कहा कि इस तरह के कदम से परिषद की साख और बढ़ेगी।
UNSC को 21वीं सदी के अनुरूप ढलने की आवश्यकता
लेटरमे ने तर्क दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को 21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप ढलने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें ऐसे प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है जो 20वीं सदी में स्थापित संरचनाओं से परे हो।
भारत का कद बढ़ा
पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लेटरमे ने कहा कि मोदी ने भारत के भू-राजनीतिक कद को ऊंचा करने का काम किया है और भारत ने उनके नेतृत्व में कई अधिकार पाए हैं।
चीन को टक्कर दे रहा भारत
एक साक्षात्कार में लेटरमे ने नई कनेक्टिविटी पहल, भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह चीन के बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) का पूरक बनने की क्षमता रखता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी
सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।
25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी
बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।
रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध
अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।
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