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बिहार इंटर टॉपर्स घोटाले में बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तार

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बिहार इंटर टॉपर्स घोटाले में बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तार

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बिहार इंटर टॉपर्स घोटाले में बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तारपटना| बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं पूर्व विधायक उषा सिन्हा को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चर्चित बिहार टॉपर्स घोटाले में सोमवार को गिरफ्तार किया। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए आईएएनएस को बताया, “गुप्त सूचना के आधार पर एसआईटी ने समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी उषा को वाराणसी से गिरफ्तार किया।”

उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें पटना लाया जाएगा और पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि समिति द्वारा आयोजित इंटर परीक्षा परिणाम में फर्जी टॉपर्स के खुलासे के बाद विशेष जांच परीक्षा में विज्ञान संकाय के टॉपर्स बने सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार का परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया गया, जबकि आर्ट्स टॉपर रूबी राय टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुईं।

इंटर टॉपर्स घोटाले को लेकर छह जून को पटना के कोतवाली थाना में वैशाली जिले के भगवानपुर थाना के किरतपुर स्थित विशुन राय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमित कुमार उर्फ बच्चा राय और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

लालकेश्वर ने आठ जून को समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। विशुन राय कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय को पुलिस ने 11 जून को गिरफ्तार किया था। समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी उषा सिन्हा के खिलाफ पटना की एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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