खेल-कूद
चार भारतीय विकेटकीपरों ने 260 मैचों में हासिल की ऋषभ पंत की यह उपलब्धि
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने मात्र 24 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में उस उपलब्धि को अपने नाम कर लिया है, जो भारत के सभी पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज मिलकर हासिल कर पाए थे।
ऋषभ पंत विदेशी सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में जितने शतक लगा चुके हैं, उतने शतक भारत के पूर्व विकेटकीपरों ने मिलकर सबसे लंबे प्रारूप में लगाए हैं। इतना ही नहीं, जितने शतक पूर्व विकेटकीपरों ने 260 मैचों में लगाए हैं, उतने अकेले पंत ने 23 मैचों में लगा दिए हैं।
दरअसल, ऋषभ पंत ने विदेशी सरजमीं पर अपना चौथा टेस्ट शतक कल शुक्रवार 1 जुलाई 2022 को इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा। इतने शतक किसी भी एक विकेटकीपर बल्लेबाज ने भारत के लिए विदेशी सरजमीं पर नहीं जड़े हैं।
यहां तक कि चार शतक भारत के पूर्व विकेटकीपरों ने विदेशी सरजमीं पर टेस्ट मैच खेलते हुए जड़े हैं। पंत ने जहां 23वें टेस्ट मैच में विदेश में चौथा शतक जड़ा, जबकि बाकी विकेटकीपरों ने 4 शतक 260 मैचों में जड़े हैं।
ऋषभ पंत से पहले विजय मांजरेकर ने वेस्टइंडीज में 1953 में एक शतक जड़ा था, जबकि अजय रात्रा ने भी कैरेबियाई टीम के खिलाफ 2002 में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज शतक जड़ा था।
वहीं, एमएस धोनी ने एकमात्र टेस्ट सेंचुरी विकेटकीपर के तौर पर विदेशी धरती पर जड़ी, जब उन्होंने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोका। इसके अलावा रिद्धिमान साहा ने वेस्टइंडीज में 2016 में शतकीय पारी खेली थी।
पंत के अलावा यही चार भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में विदेशी सरजमीं पर टेस्ट शतक जड़ा है। यहां तक इंग्लैंड में कोई भी भारतीय विकेटकीपर एक शतक तक नहीं जड़ सका है। ऋषभ पंत इंग्लैंड में दो शतक लगाने वाले पहले मेहमान विकेटकीपर बल्लेबाज भी बन गए हैं।
खेल-कूद
मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया की हार, ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज पर बनाई 2-1 की बढ़त
नई दिल्ली। मेलबर्न में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। जब भारत का आखिरी विकेट मोहम्मद सिराज के रूप में गिरा, तब तक करीब 13 ओवर का खेल शेष था। भारतीय टीम मैच ड्रॉ कराने की सोच रही थी, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो सका। ऑस्ट्रेलिया अब सीरीज में 2-1 से आगे हो चुकी है। सीरीज का अगला मुकाबला 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 474 रन बनाए थे। स्टीव स्मिथ ने शतक जमाया था। जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 369 रन बनाए। 21 साल के नीतीश रेड्डी ने बेहतरीन शतक लगाया। ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 105 रन की बढ़त मिली थी।
इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 234 रन पर समेट दिया। बढ़त मिलाकर ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 339 रन की हुई थी और भारत को 340 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम इंडिया न तो यह मैच जीत सकी और न ही ड्रॉ करा सकी, जबकि उनके पास सिर्फ एक दिन था। इस हार के साथ ही भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहुंचने की उम्मीदों को भी झटका लगा है। अब उसे अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा। साथ ही सिडनी में अगले टेस्ट को जीतना ही होगा। ड्रॉ या हार टीम इंडिया को रेस से बाहर कर देगी।
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