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नमक कानून को तोड़ने के लिए गांधी जी ने दांडी यात्रा की थी, ये आधा सच है

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‘आज की ख़बर’ की अपनी खास सीरीज़ ‘पुराने पन्ने’ में मैं आपको यात्रा करवाऊंगा उन महान हस्तियों के जीवन की जो हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं और रूबरू करवाऊंगा ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं से जिसके बारे में हम सबको पता होना चाहिए।

‘पुराने पन्ने’ के पहले भाग में मैं आपको रूबरू करवाने जा रहा हूं इतिहास की एक ऐसी घटना से जिसके बारे में आपको जानकारी तो ज़रूर होगी लेकिन सिर्फ आधी।

12 मार्च 1930, सुबह के 6.20 मिनट हुए थे और एक 61 वर्षीय बुज़ुर्ग व्यक्ति एक कानून को तोड़ने के लिए अपने 78 सत्याग्रहियों के साथ 358 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पड़ा था। जिसका शरीर तो बूढ़ा हो चुका था लेकिन हौसले इतने बुलंद थे कि वो अपनी सरलता से पहाड़ का गुमान भी तोड़ सकता था। मैं बात कर रहा हूं दांडी यात्रा की।

दांडी यात्रा

दांडी यात्रा का ज़िक्र आते ही हमारे दिमाग में जो पहली तस्वीर आती है वह है महात्मा गांधी की। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक कानून को तोड़ने के लिए साबरमती आश्रम से दांडी तक की पैदल यात्रा की थी। दांडी यात्रा की तैयारी देखने के लिए देश-विदेश के पत्रकार, फोटोग्राफ़र अहमदाबाद आए थे। आजादी के आंदोलन की यह महत्वपूर्ण घटना ‘वॉइस ऑफ़ अमेरिका’ के माध्यम से इस तरह प्रस्तुत की गई कि आज भी उस समय के दृश्य, उसकी गंभीरता और जोश का प्रभाव देखा जा सकता है। यह यत्रा 24 दिन बाद आज ही के दिन 6 अप्रैल को पूरी हुई थी और दांडी पहुँचकर उन्होंने समुद्रतट पर नमक क़ानून को तोड़ा था।

इस बारे में तकरीबन सभी लोग जानते होंगे, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि जिस समय गांधी जी दांडी यात्रा कर रहे थे उस समय देश के दूसरे हिस्सों में भी नमक कानून को तोड़ने के लिए यात्राएं हो रही थीं, जिस समय गांधी जी ने समुद्रतट पर नमक क़ानून को तोड़ा था उस समय देश के दूसरे हिस्सों में भी नमक कानून तोड़ा गया था।

इस कानून को तोड़ने के लिए सी. राजगोपालाचारी ने त्रिचनापल्ली से वेदारण्यम तक की यात्रा की थी। राजगोपालाचारी भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। वो वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। इसके अलावा वे स्वतन्त्र भारत के दूसरे गवर्नर-जनरल और पहले भारतीय गवर्नर-जनरल थे। अपने अद्भुत और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण ‘राजाजी’ के नाम से प्रसिद्ध महान् स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, गांधीवादी राजनीतिज्ञ चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को आधुनिक भारत के इतिहास का ‘चाणक्य’ माना जाता है।

सी. राजगोपालाचारी भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे।

उसी समय असम में लोगों ने सिलहट से नोआखली तक की यात्रा की। ‘वायकोम सत्याग्रह’ के नेताओं ने के. केलप्पन एवं टीके माधवन के साथ कालीकट से पयान्नूर तक की यात्रा की।

के. केलप्पन केरल के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी नेता, स्वतन्त्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। जब गाँधी जी ने ‘असहयोग आन्दोलन’ प्रारम्भ किया तो के. केलप्पन ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी और आन्दोलन में कूद पड़े। वर्ष 1930 में ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ के समय गाँधी जी ने उन्हें प्रथम सत्याग्रही नामजद किया था।

के. केलप्पन केरल के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी नेता, स्वतन्त्रता सेनानी और समाज सुधारक थे।

टीके माधवन केरल के प्रसिद्ध समाज-सुधारक और पत्रकार थे। उन्होंने बहुत सी कुरितियों के खिलाफ आंदोलन किए थे। इन सभी लोगों ने नमक क़ानून को तोड़ा।

टीके माधवन केरल के प्रसिद्ध समाज-सुधारक और पत्रकार थे।

नमक क़ानून इसलिए तोड़ा जा रहा था, क्योंकि सरकार द्वारा नमक कर बढ़ा दिया गया था, जिससे रोजमर्रा की ज़रूरत के लिए नमक की क़ीमत बढ़ गई थी।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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