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मनोरंजन

‘घायल वंस अगेन’: नई बोतल में पुरानी शराब

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'घायल वंस अगेन', सनी देओल, नई बोतल में पुरानी शराब

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‘घायल वंस अगेन’ सनी देओल की 90 की बेहतरीन फिल्मों की याद दिलाने वाली फिल्म है, यह फिल्‍म एक ऐसे आदमी के बारे में हैं जो दुनिया की बुराईयों के खिलाफ अकेला ही खड़ा है, पर इतने सालों बाद ये फॉर्मूला थोड़ा पुराना हो गया है। एक अमीर व ताकतवर बिजनेसमैन का अपने बिगड़े हुए बेटे को, जिसने बेरहमी से एक एक्टिविस्ट की हत्या कर दी है बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना एक बहुत ही घिसा पिटा प्लॉट है और इसी घिसे पिट प्‍लाट पर सनी देओल जो इस फिल्म के को-राइटर और डायरेक्टर हैं, घायल फिल्म की सीक्वल बनाकर पेश करते हैं।

सनी देओल अपने उसी किरदार में अजय मेहरा को फिर एक बार पर्दे पर उतारते हैं। जिसे उस आदमी के खून के इल्जाम में जेल भेज दिया गया था, जिसने अजय मेहरा के पूरे परिवार को बिगाड़ दिया था। अजय कुछ कॉलेज स्टूडेंट के ग्रुप की रक्षा के लिए आता है, जो खतरे में पड़ जाते हैं। जब उन्हें उस बड़े कारोबारी के बेटे के हाथों हुई हत्या का वीडियो मिल जाता है। फिल्म में होने वाला ड्रामा काफी प्रिडिक्टेबल है, पर ये खूब सारे थ्रिलिंग एक्शन सींस से भरा है, जो आपकी धड़कनें बढ़ा देते हैं। कार की पीछा करने वाला सीन, जिसमें विलेन के आदमी छात्रों का पीछा कर रहे हैं वो बहुत ही खूबी से फिल्माया गया है। एक्शन डायरेक्टर डैन ब्रैडली फिल्म की गति को तेज बनाए रखते हैं और चंदन अरोड़ा की एडिटिंग आपको सीक्वेंस से बांधे रखती है। पर अफसोस ये बात फिल्म के किरदारों के बारे में नहीं कही जा सकती है।

मेलोड्रामा की हद बढ़ जाती है फिल्म के फाइनल एक्ट में, जब फिल्म का एक फालतू ट्विस्ट सामने आता है। फिल्म में एक लाउड फीमेल करेक्टर भी है, जिसे हद से ज्यादा स्क्रीन टाइम दिया गया है। जहां तक हमारे हीरो सनी देओल की बात है, उनके पंच में अभी भी दम है। वो अपने एक्टर्स को बहुत ही खूबी से डायरेक्ट करते हैं, पर वो एक बेहतर स्क्रिप्ट चाहते हैं और हम भी। जब तक वो फिल्म के हद से लंबे क्लाइमेक्स में चॉपर में चढ़ते हैं, आप अपना सब्र खो चुके होंगे और चाहेंगे की बस ये फिल्म खत्म हो जाए। घायल वंस अगेन कुछ हद तक शायद देखने लायक है, पर ये पूरी तरह ओल्ड फैशन और प्रिडिक्टेबल भी है। मैं घायल वंस अगेन को 5 में से 2.5 स्टार देता हूं।

 

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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