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खुशखबरी : जम के करें खेती, जून से सितंबर तक होगी झमाझम बारिश 

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मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने यह अनुमान लगाया है कि इस वर्ष जून से लेकर सितंबर तक भारत में 100 फीसदी बरसात होने की संभावना है।स्काईमेट के अनुसार इस वर्ष मानसून अपने समय पर आ जाएगा, इसलिए किसान अभी से ही खेती की तैयारियां शुरू कर दें।

स्काईमेट ने अपने मौसम पूर्वानुमान में यह बताया है कि इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। इससे इस साल सूखा पड़ने की संभावना नहीं दिख रही है। किसान इस वर्ष अच्छी बारिश का फायदा कैसे उठाएं इस बारे में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रमुख कृषि विशेषज्ञ डॉ. साकेत कुशवाहा बताते हैं,” मानसूनी बारिश यूं तो सितंबर तक लगातार गिरती है, लेकिन 150 दिन तक होने वाली यह वर्षा रुक-रुक कर होती है, इसलिए यह 25 से 40 दिन तक ही सिमट जाती है। इस वर्ष सौ फीसदी वर्षा का अनुमान स्काईमेट ने मानसून से काफी पहले जारी कर दिया है, इसका फायदा किसानों को उठाना चाहिए। वर्षा से पहले किसान खेत से खरपतवार हटाकर खेतों की अच्छी जुताई कर लें।”

स्काईमेट मानसून पूर्वानुमान। (साभार- स्काईमेट)

डॉ. साकेत आगे बताते हैं कि खेत की तैयारी करने के अलावा किसान खेत से वर्षाजल की निकासी पर भी ज़्यादा ध्यान दें। इससे अधिक वर्षा होने पर खेतों में जल भराव की समस्या नहीं होगी। किसान मानसून का फायदा उठाएं और सब्जियों की खेती से बचें, धान, बाजरा और दलहनी फसलों की खेती पर ज़्यादा ज़ोर दें।

स्काईमेट की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष करीब पांच प्रतिशत अनुमान है कि मानसून के दौरान सामान्य से अधिक यानि कि 100 फीसदी से ज्यादा बारिश हो सकती है। वर्षा का यह आंकड़ा बढ़कर 110 फीसदी से ज़्यादा भी होने की संभावना है , यानि की इस वर्ष होने वाली बारिश पिछले चार वर्षों में हुई बारिश का रिकोर्ड तोड़ सकती है। पिछले चार वर्षों में मानसून के समय  हुई वर्षा दर कुछ इस प्रकार है। ( वर्ष 2014 – 89 फीसदी, वर्ष 2015 – 86 फीसदी, वर्ष 2016 – 97 फीसदी और वर्ष 2017 – 95 फीसदी।)

स्काईमेट के मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक देश में अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली आगरा और जोधपुर में इस वर्ष में सामान्य बारिश होगी। इसके अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।

स्काईमेट वेदर के मुताबिक किस महीने में होगी कितनी बारिश

जून 2018 में हो सकती है 111 फीसदी वर्षा

स्काईमेट वेदर के मुताबिक जून माह में लॉन्ग पीरियड एवरेज बारिश 111 फीसदी रहेगी, यानि कि इस माह में करीब 164 एमएम वर्षा हो सकती है।

जुलाई 2018 में हो सकती है 97 फीसदी वर्षा

जुलाई माह में भी लॉन्ग पीरियड एवरेज बारिश 97 फीसदी रह सकता है, यानि कि इस माह में करीब 289 एमएम वर्षा हो सकती है।

जून से लेकर सितंबर तक होगी अच्छी बारिश। (साभार- स्काईमेट)

 

अगस्त 2018 में हो सकती है 96 फीसदी वर्षा

अगस्त के महीने में भी झमाझम बारिश हो सकती है, क्योंकि इस महीने में भी लॉन्ग पीरियड एवरेज वर्षा 96 प्रतिशत रहेगी, इस माह में करीब 261 एमएम बारिश होने की संभावना जताई गई है।

सितंबर 2018 में हो सकती है 101 फीसदी वर्षा

स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर के महीने में भी लॉन्ग पीरियड एवरेज बारिश जारी रहेगी। यानि की मानसून के अंत में भी लगभग 101 फीसदी बारिश हो सकती है। सितंबर में 173 एमएम दर से बारिश हो सकती है।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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