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बिजनेस

खुशखबरीः हर मोबाइल यूजर्स को ये बैंक देगा 20 हजार रुपए, बस करना है एक क्लिक

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इंसान हर समय सोचता है कि काश कोई ऐसा चमत्कार हो जाए कि कहीं से रुपए मिल जाए। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो खबर आपके लिए है। जल्द ही बैंक आपकी यह ख्वाहिश पूरी करने वाला है।

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साभार इंटरनेट

दरअसल अगर आपको बैंक से क्रेडिट कार्ड इश्यू कराने की चाहत है और यह चाहत किसी कारणवश पूरी हो पा रही है तो खबर सुनकर आपके खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।

जी हां, मुंबई स्थित इंस्टेंट क्रेडिट फेसिलेटिंग स्टार्टअप ईपेलेटर (ePayLater) ने निजी क्षेत्र के आईडीएफसी बैंक के साथ करार कर किया है। इसके तहत भीम यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को क्रेडिट लिमिट उपलब्ध कराई जाएगी।

ईपेलेटर की तरफ से ग्राहकों को ऐसे आउटलेट पर क्रेडिट पेमेंट करने की सुविधा दी जाएगी जहां यूपीआई पेमेंट या भारत क्यूआर पेमेंट से भुगतान करने की सुविधा है।

देश में 3.5 करोड़ क्रेडिट कार्ड धारक :

ईपेलेटर के को-फाउंडर आरको भट्टाचार्य ने बताया कि देश में 3.5 करोड़ क्रेडिट कार्ड धारक हैं। ऐसे में वे ग्राहक जो छोटी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल कुछ ट्रांजेक्शन के लिए करना चाहते हैं वे ईपेलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। भट्टाचार्य ने बताया कि ईपेलेटर के माध्यम से किए गए भुगतान का री-पेमेंट 14 दिन के अंदर करना होगा। इसके लिए ईपेलेटर ने आईडीएफसी बैंक से करार किया है।

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साभार इंटरनेट

20 हजार रुपये की क्रेडिट सुविधा :

इस स्कीम के तहत जो भीम यूपीआई का इस्तमाल करते हैं उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित खबर के अनुसार एक बार में 20 हजार रुपये तक की क्रेडिट पर खरीदारी की सुविधा मिलेगी।

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इस बारे में आईडीएफसी बैंक के सीओओ अवतार मोंगा का कहना है कि नोटबंदी के बाद पेमेंट करने के लिए ग्राहकों के पास क्रेडिट कार्ड के अलावा कई ऑप्शन मौजूद हैं। डिजीटल पेमेंट ज्यादा सुरक्षित है और तेजी से हो जाता है।

ऐसे में जिन ग्राहकों को बैंक क्रेडिट कार्ड जारी नहीं करते। ऐसे लोगों के लिए आईडीएफसी बैंक ने ईपेलेटर के साथ मिलकर यह सुविधा शुरू की है। इसमें भीम यूपीआई को कस्टमाइज किया गया है, ताकि भीम एप के उपयोगकर्ताओं को डिजिटल क्रेडिट उपलब्ध कराया जा सके।

ऐसे यूज करें क्रेडिट लिमिट :

इसके लिए ग्राहकों को सबसे पहले ईपेलेटर एप डाउनलोड करना होगा। यूजर के क्रेडेंशियल के आधार पर एक निश्चित लोन अमाउंट निर्धारित किया जाएगा। इसे यूजर अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकेगा।

लेकिन इसका भुगतान उसे 14 दिन के अंदर करना होगा। 14 दिन इस्तेमाल की गई राशि पर किसी तरह का ब्याज नहीं देना होगा। 14 दिन के बाद 3 प्रतिशत प्रतिमाह के हिसाब से ब्याज लिया जाएगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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