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उत्तर प्रदेश

युवाओं के लिए अच्छी खबर, राजस्व विभाग में खुलने वाला है भर्तियों का पिटारा

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार के साथ-साथ लिपिकीय संवर्ग के सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए तत्काल प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक जैसे पदों के लिए जहां पदोन्नति लंबित है, वहां तत्काल प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंने कहा है कि राजस्व विभाग सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़ा हुआ है। आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों से लेकर पैमाइश, नामांकन, घरौनी, खतौनी, सर्वे, पट्टा सहित ढेरों महत्वपूर्ण प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण हो सके, इसके लिए न केवल विभाग के रिक्त पदों पर नई नियुक्ति की आवश्यकता है, बल्कि आवश्यकतानुसार नवीन पदों का सृजन किया जाए। यही नहीं, उन्होंने राजस्व परिषद के अंतर्गत बन्दोबस्त आयुक्त (ग्रामीण) बन्दोबस्त आयुक्त (नगरीय) तथा निदेशक प्रशिक्षण का नवीन पद सृजित करने की भी जरूरत बताई।

शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्व विभाग के कामकाज और उपलब्ध मानव संसाधन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग और राजस्व परिषद में काम के बदलते स्वरूप और अधिकता को देखते हुए दक्ष युवाओं की तैनाती की जानी चाहिए। नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए तहसील, जिला, मंडल और राजस्व परिषद में आई.टी. में दक्ष लोगों की तैनाती की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता के कार्यों में राजस्व विभाग के कार्मिकों को प्रायः फील्ड विजिट करना पड़ता है। ऐसे में यह उचित होगा कि लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को वाहन भत्ता दिया जाना चाहिए। इसी तरह नायब तहसीलदार की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी के लिए उन्हें चार पहिया वाहन की उपलब्धता कराई जाए। साथ ही, जीपीएस से संबंधित कार्यों के बेहतर संपादन के लिए लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को नए टैबलेट भी उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आम जन से जुड़े कार्यों को समयबद्धता के साथ मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाए, अनावश्यक कहीं भी कोई प्रकरण लंबित न रहे। राजस्व कार्मिकों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने राजा टोडरमल सर्वेक्षण भूलेख प्रशिक्षण संस्थान, हरदोई में आधारभूत अवसंरचना को और बेहतर करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव, अध्यक्ष राजस्व परिषद, प्रमुख सचिव राजस्व सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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