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उत्तर प्रदेश

नवरात्रि में प्रदेश के सभी देवी मंदिरों में होंगे भव्य आयोजन

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संस्कृति विभाग आगामी नवरात्रि पर्व पर भव्य आयोजन की तैयारी में जुट गया है। प्रदेशभर के सभी देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में विविध सांस्कृतिक आयोजन होंगे। बता दें कि प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए विशेष अभियान “मिशन शक्ति” चलाया जा रहा है। इसी क्रम में संस्कृति विभाग द्वारा महिलाओं व बालिकाओं की सहभागिता के साथ प्रदेश में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तावित किये गये हैं।

जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर गठित होगी समिति

संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार आगामी शारदीय नवरात्रि में 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक प्रदेश के देवी मन्दिरों एवं शक्तिपीठों में महिलाओं एवं बालिकाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए महिला सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा लागू किये गये कानूनों का वृहद प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा अष्टमी एवं नवमी के अवसर पर प्रमुख शक्तिपीठ मन्दिरों में सामाजिक मूल्यों व राष्ट्रीय मूल्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार व जनसामान्य को इससे जोड़ते हुए रामायण पाठ का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के लिए गतवर्ष की भांति प्रत्येक जनपद में जनपद स्तरीय, तहसील स्तरीय एवं विकास खण्ड स्तरीय समिति का गठन करते हुए कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा।

मिशन शक्ति के अनुरूप होगी स्थानीय जनसहभागिता

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों द्वारा अपने जनपद में चयनित देवी मन्दिरों, शक्तिपीठों में स्थानीय लोक कालाकारों, भजन मंडलियों, कीर्तन मंडलियों का चयन अपनी अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा, जिसका समन्वय संस्कृति विभाग एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया जाएगा। समस्त कार्यक्रम “मिशन शक्ति” के अनुरूप स्थानीय जनसहभागिता के साथ आयोजित किये जाएंगे। स्थानीय कलाकारों का चयन संस्कृति विभाग की ई-डायरेक्ट्ररी से किया जा सकता है।

हर जरूरी व्यवस्था कर ली जाए मुकम्मल

प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, पेय जल, सुरक्षा, ध्वनि, प्रकाश एवं दरी-बिछावन आदि की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा ससमय सुनिश्वित करा ली जाये तथा सभी आयोजन स्थलों पर सक्षम स्तर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए आयोजन सुनिश्चित कराये जाये। इसके अलावा महत्वपूर्ण देवी मन्दिरों और शक्तिपीठों का चयन करते हुए सम्बन्धित आयोजन स्थल का पता, फोटो, जीपीएस लोकेशन तथा प्रबन्धक का सम्पर्क नम्बर, कलाकारों का नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर की जानकारी संस्कृति विभाग को भेजी जाए। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक रीनू रंगभारती को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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