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GST: प्रथम 15 दिनों में राजस्व 11 फीसदी बढ़ा, अक्टूबर से पहले नहीं मिल पाएगी सही जानकारी

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नई दिल्ली| जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के बाद राजस्व में कितनी बढ़ोतरी हुई है, इसकी सटीक जानकारी अक्टूबर से पहले नहीं मिल पाएगी, जब नई अप्रत्यक्ष व्यवस्था अपनी पहली तिमाही पूरी करेगी। लेकिन प्रथम 15 दिनों के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि राजस्व में महीने-दर-महीने आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने यह जानकारी दी है।

सीबीईसी ने कहा कि एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयात से प्राप्त कुल राजस्व 12,673 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून महीने में समान अवधि में यह 11,405 करोड़ रुपये था।

सीबीईसी की प्रमुख वनजा सरना ने आईएएनएस को बताया, “सीमा शुल्क से ठीकठाक राजस्व प्राप्त हुआ है। हमें उम्मीद है कि राजस्व की मात्रा पिछले महीने जितनी ही होगी। हालांकि हम साल दर साल आधार पर इसमें बहुत अधिक वृद्धि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। 30 जून की आधी रात से प्रथम 15 दिनों में कुल 12,673 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया गया है।”

जीएसटी के प्राप्त कुल राजस्व के बारे में उन्होंने कहा कि इसका पहला अनुमान अक्टूबर तक ही मिल पाएगा, क्योंकि व्यापारी सितंबर में रिटर्न दाखिल करेंगे।

उन्होंने कहा, “हमें जीएसटी शासन का कम से कम एक तिमाही (जुलाई-अगस्त-सितंबर) का आंकड़ा चाहिए होगा, जोकि अक्टूबर में आएगा। राजस्व का आकलन करने के लिए कम से कम तीन महीनों के आंकड़ों को देखना होगा।”

हालांकि जीएसटी की दरों को ‘राजस्व तटस्थ’ रखा गया है, ताकि कर की दरें पहले जितनी थीं, उतनी ही रहें। सरना ने कहा कि जरूरी नहीं है कि इससे राजस्व वृद्धि में किसी प्रकार की गिरावट ही आएगी।

उन्होंने कहा, “इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ व्यापारियों को मिलेगा, लेकिन कर आधार में बढ़ोतरी से राजस्व को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि डिजिटीकरण से कर आधार में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।”

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी के अंतर्गत कर आधार में 80 लाख तक की आसानी से बढ़ोतरी होगी। अब तक जीएसटी के अंतगर्त नए और पुराने मिलाकर 75 लाख पंजीकरण किए गए हैं।

नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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