आध्यात्म
गुरु पूर्णिमा 2018 : जानिए कब और क्या करें इस दिन खास
गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कहते हैं। शास्त्रों में इस पूर्णिमा को अन्य सभी पूर्णिमा से विशेष महत्व प्रदान किया गया है क्योंकि इस दिन गुरु की पूजा जाती है। इस बार गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) को है।
आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन अर्थात् गुरु पूर्णिमा को आदि गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो देश में अनेक विद्वान हुए लेकिन उनमें वेद व्यास जी का महत्वपूर्ण स्थान है।
महर्षि वेद व्यास को चारों वेदों के रचयिता माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन वेद व्यास जी की पूजा की जाती है। सर्वप्रथम वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि व्यास जी ही हैं। इसलिए इन्हें आदि गुरु कहा गया है।
गुरु-पूर्णिमा का महत्व – योग्य गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन निरर्थक है। गुरु के बिना ना तो व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर सकता है और ना ही आत्म मुक्ति। हमारे जीवन में गुरु की भूमिका बेहद अहम है, यूं तो हम इस समाज का हिस्सा कहलाते है लेकिन हमें इस समाज योग्य केवल गुरु ही बनाते हैं।
महान संत कबीरदास ने गुरु की महत्ता को दर्शाते हुए कहा है- “गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये।” यानि भगवान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्थान गुरु का होता है।
गुरु-पूजा विधि – गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः जल्दी उठकर घर की सफाई करें। स्नानादि के पश्चात् साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर पटिए पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं।
इसके बाद इस मंत्र का जाप करके पूजन का संकल्प लें – ‘गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये’। संकल्प लेने के बाद दसों दिशाओं में अक्षत (चावल) छोड़ना चाहिए। फिर व्यासजी और अन्य सभी गुरु के नाम या मंत्र से पूजा का आवाहन करें। अंत में अपने गुरु अथवा उनके चित्र की पूजा करके उन्हें यथा योग्य दक्षिणा प्रदान करें।
एक सरल उपाय – यदि आप विधिवत पूजा करने में असमर्थ हैं तो इस दिन कम से कम अपने गुरु या फिर जिस इष्ट देवता को आप मानते हैं, उनके चरण स्पर्श करें। उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार उपहार या दक्षिणा भेंट करें। केवल इतना करना भी गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ माना गया है।
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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