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सावधानः प्रोविडेंट फंड का डेटा हुआ लीक, कहीं आपका पैसा चोरी तो नहीं हो गया?

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नई दिल्ली। इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) की वेबसाइट से 2.7 करोड़ की निजी और प्रोफेशनल डेटा चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। माना जा रहा है कि डेटा लीक होने का यह आंकड़ा 2.7 करोड़ के आसपास है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को लिखे गए एक खत के बाद से यह मामला प्रकाश में आया था। लिखे गए पत्र के मुताबिक हैकर्स ने EPFO के आधार सीडिंग पोर्टल से डेटा चुराया है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

खत में सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को लिखा है कि हैकर्स ने बेवसाइट की खामियों का फायदा उठाते हुए यह जानकारी चुराई है। कमिश्नर ने बताया कि यह जानकारी उन्हें सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो से जानकारी मिली है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आनंद वेंकटनारायण ने बताया कि, ‘नाम, पता, नौकरी का ब्योरा और चूंकि हर शख्स अपने वेतन का 12% पीएफ में कटवाता है तो वेतन की जानकारी भी चोरी हुई है। यही नहीं बैंक के खातों के नंबर भी चोरी संभव है, क्योंकि लोग अपना पीएफ निकलवाते भी हैं।
आपको बता दें कि मार्च महीने में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की तरफ से लोकसभा में दिए जानकारी में बताया गया था कि अप्रैल 2017 से लेकर जनवरी 2018 के बीच कुल 114 सरकारी वेबसाइट हैक की गईं हैं। गौरतलब है कि 6 अप्रैल को रक्षा, गृह और कानून मंत्रालय वगैरह की वेबसाइटों को हैक करने की खबरें आईं, लेकिन सरकार ने उनको हार्डवेयर की समस्या बताकर खारिज कर दिया था।

‘सेक्यूजीनियस साइबर सुरक्षा फर्म’ के सीईओ क्षितिज अदलखा ने बताया कि, ‘ ये लीक इसलिए होते हैं क्योंकि सरकार कोई पहल करने के बजाए हमेशा प्रक्रियात्मक मुद्रा में रहती है। शुरुआत में हम सुरक्षा के बारे में कोई क़दम नहीं उठाते। कोई गड़बड़ी होने के बाद ही कुछ करते हैं’।
वहीं, इन सबके बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने एक ऑनलाइन सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के जरिये प्रदान की जाने वाली सेवाएं रोक दी है। ईपीएफओ का कहना है कि उसने सीएससी की ‘संवेदनशीलता की जांच’ लंबित रहने तक इन सेवाओं को रोका है. हालांकि, ईपीएफओ ने सरकार की वेबसाइट से अंशधारकों के डेटा लीक की किसी संभावना को खारिज किया है।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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