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आध्यात्म

Ganesh Chaturthi 2018 : विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दिन आप सुन उनके 5 भजन!

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गणेश चतुर्थी के दिन सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को है। भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बड़ी धूम-धाम से भगवान गणेश की पूजा और प्रतिमा की स्थापना की जाती है।

लोग भगवान गणेश की पूजा अर्चना तो करते ही हैं साथ ही उनकी महिमा का गुणगान करने वाले गीत भी खूब सुनते हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन कौन सा गाना घर में चलाएं तो आपको हम दे रहे हैं एक प्लेलिस्ट।

  1. जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति… भगवान गणेश की आरती

  1. अनुराधा पौडवाल की आवाज़ में सुनिए गणेश मंत्र

  1. गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि, गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि…. शंकर महादेवन की आवाज़ में सुनें

 

  1. अगर आप अमिताभ बच्चन की आवाज़ में गणेश आरती सुनना चाहते हैं तो ये वीडियो आपके लिए

अगर आपका गणपति की धुन में डांस करने का मन है तो अग्नीपथ के ‘देवा श्री गणेशा देवा’ गाने को प्ले कर सकते हैं                                                                                                                                                                                                                                                                    https://www.youtube.com/watch?v=RYqJ5w-GrfM

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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