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उत्तर प्रदेश

विगत वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ेगा हर घर तिरंगा अभियान

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लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योगी सरकार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 13 से 15 अगस्त तक प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से ‘हर घर तिरंगा अभियान’ का आयोजन कर रही है। सरकार ने पिछली वर्ष की तुलना में इस वर्ष 5 से 10 प्रतिशत अधिक तिरंगा फहराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2023 में प्रदेश के अंदर जहां 4.5 करोड़ तिरंगा फहराए गए थे तो वहीं इस बार यह लक्ष्य 4.75 करोड़ रखा गया है। इस लक्ष्य के अनुरूप सभी जनपदों को भी लक्ष्य दिया गया है।

4 करोड़ घरों में फहरेगा तिरंगा

वर्ष 2022 एवं 2023 में हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत संपूर्ण देश में उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक झण्डे फहराए। विगत दोनों वर्षों के अभियानों में प्रत्येक वर्ष 4.5 करोड़ से अधिक झण्डे फहराए गए। प्रदेश के नागरिकों द्वारा सेल्फी अपलोड अभियान में उत्साह पूर्वक भाग लेते हुए सर्वाधिक सेल्फी अपलोड की गई। इस वर्ष भी उसी उत्साह से आयोजन को मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश भर में 4 करोड़ घरों और 30 लाख प्रतिष्ठानों समेत करीब 4.30 करोड़ स्थानों पर तिरंगा फहराया जाएगा। कार्यक्रम के तहत आमजनमानस को अपने-अपने घरों, कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों आंगनबाड़ी केन्द्रों, अस्पतालों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों झण्डा फहराने के लिये विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रेरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। तिरंगे के साथ सेल्फी लेने और उसे हर घर तिरंगा वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के सहयोग से झण्डा वितरण कराया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से झण्डों के निर्माण कराया जाएगा।

झंडा संहिता का किया जाए अनुपालन

अभियान के दौरान झण्डा संहिता का अनुपालन करते हुए झण्डा विधिवत तरीके से लगाए जाने के लिए लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षित किया जाएगा। आधा झुका, फटा या कटा झण्डा लगाया जाना निषेध होगा। 13 से 15 अगस्त, 2024 के उपरांत निजी आवासों एवं प्रतिष्ठानों पर लगाए जाने वाले झण्डों को आदर भाव के साथ उतार कर सुरक्षित रखा जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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