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उत्तराखंड

हरक सिंह के प्रचार करने से भाजपा को लाभ होगा: मातबर सिंह कंडारी

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मातवर सिंह कण्डारी, हरक सिंह रावत, गढ़वाल की राजनीति, चिर-परिचित राजनैतिक विरोधी

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मातवर सिंह कण्डारी, हरक सिंह रावत, गढ़वाल की राजनीति, चिर-परिचित राजनैतिक विरोधी

Harak Singh and Matbar Kandari

देहरादून। कभी अपने साडू भाई को खाडू भाई बोलने वाले भाजपा नेता मातवर सिंह कण्डारी ने पहली बार हरक सिंह रावत की तारीफ कर सबकों चैंका दिया है। दरअसल अविभाजित उत्तरप्रदेश के समय से ही मातवर सिंह कण्डारी और हरक सिंह रावत गढ़वाल की राजनीति में एक-दूसरे के चिर-परिचित राजनैतिक विरोधी रहे हैं।

दरअसल विधानसभा चुनाव 2012 में यह कड़वाहट और बढ़ गई जब हरक ने अचानक अपनी विधानसभा सीट लैन्सडाउन को छोड़ मातवर सिंह कण्डारी की सीटिंग सीट रूद्रप्रयाग से चुनाव लड़ मातवर सिंह कण्डारी का अभेद किला समझे जाने वाली रूद्रप्रयाग सीट से उन्हे हरा डाला था।

इसके बाद रिश्ते में साडू भाई लगने वाले दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट चरम सीमा पर पहुच गई थी, विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री बनने पर खाली हुई लोकसभा सीट टिहरी से टिकट न मिलने के कारण कण्डारी ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस बीच भी कुछ समय एक ही पार्टी में रहने के बावजूद भी दोनों के बीच कड़वाहट कम नही हुई, हरक ने तो कई बार कण्डारी की तारीफ की लेकिन कण्डारी हमेशा चुप ही रहे।

हरक सिंह रावत के भाजपा में आते ही राजनीतिक समीकरण बदले, अब हरक सिंह पर कण्डारी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार हरक की प्रसंशा की है। मातवर सिंह कण्डारी का कहना है कि हरक पुराने भाजपाई रहे हैं और भाजपा की यूपी सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री भी रहे हैं।

हरक एक संर्घषशील नेता हैं। हरक सिंह हर बार नई सीट से चुनाव लड़ते हैं और जीत कर आ जाते हैं। जिस तरह से हरक घूम घूम कर भाजपा का प्रचार कर रहे हैं उससे रुद्रप्रयाग में मुझे फायदा हो या न हो लेकिन भाजपा को प्रदेश भर में फायदा होगा।

साथ ही कण्डारी ने नेताओं के दल बदलने को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए कहा है कि नेताआंे के लिए एक कानून बनना चाहिए कि जो जिस दल को ज्वाईन करे उसे उसी दल की रीति नीति के साथ रहना चाहिए। बदली राजनितिक परिस्थिति में दोनों साडू भाईयों के दिल मिले हों या न मिले हों, सुर जरूर अब मिलने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि ये सुर गले मिलने तक कब पहुचते हैं।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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