उत्तराखंड
हरिद्वारः 27-28 सितंबर को होगा औद्योगिक शिखर सम्मेलन
देहरादून। इस माह की 27 व 28 तारीख को हरिद्वार में औद्योगिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में पिछले वर्ष इन्वेस्टर्स समिट में सम्पादित एमओयू की ग्राउन्डिंग करने वाले निवेशकों के साथ, राज्य के ऐसे निवेशक जिनके पहले से ही उद्योग राज्य में स्थापित हैं और नई इकाईयां लगाने के इच्छुक हैं, को भी आमंत्रित किया गया है। मंगलवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत में इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू करने वाले उद्यमियों के साथ परिचर्चा कर उनकी परियोजना के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति और अनुभव साझा किए जाएंगे। ऐसे उद्यमी जिन्होंने अभी एमओयू का क्रियान्वयन नहीं किया है, से भी चर्चा की जाएगी। उनको आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर समाधान किया जाएगा।
औद्योगिक शिखर सम्मेलन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि दिनांक 27 सितम्बर को फ्यूचर मैन्युफैक्चरिंग विषय के अंतर्गत प्रथम सत्र में सस्टेनेबल पैकेजिंग एवं वेस्ट मेनेजमेंट, दूसरे सत्र में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग व तीसरे सत्र में ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पर गोष्ठी आयोजित की जाएगी। 27 व 28 सितम्बर को प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें महाराष्ट्र, दिल्ली एनसीआर, कर्नाटक, हरियाणा, उड़ीसा व चण्डीगढ़ के 45 से अधिक एक्जीबीटर्स द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। प्रदर्शनी में ऑटोमोबाईल एवं ऑटो कम्पोनेंट, इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रिकल व इलैक्ट्रोनिक, एफएमजीसी, पैकेजिंग, ग्रीन टैक्नोलोजी उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ-साथ परामर्शी संस्थाओं द्वारा परामर्शी सेवाओं, वित्तीय सेवाओं और उद्योगों के लिए तकनीकी मानव शक्ति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 28 सितम्बर को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के संबंध में परिचर्चा की जाएगी। दूसरे सत्र में वेण्डर डेवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन रेल कोच फेक्ट्री, कपूरथला, डीजल लोकोमोटिव माॅडर्नाइजेशन वक्र्स, पटियाला, बीएचईएल हरिद्वार व पिटकुल, देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष इन्वेस्टर्स समिट में देश विदेश के 4 हजार से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। इसमें 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए 1 लाख 24 हजार करोड़ से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किए गए। इनका लगातार फोलोअप किया गया और निवेशकों को हर सम्भव सहायता प्रदान की गई। इसी का परिणाम है कि 11 माह की अवधि में ही 391 परियोजनाओं में 17405 करोड़ के निवेश की ग्राउन्डिंग की जा चुकी है।
ग्राउंडिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इसके लिए पांच मानकों में से किसी एक से अधिक को पूरा होना चहिए। इन मानकों में पहला, परियोजना के लिए भूमि क्रय, भूखण्ड आवंटन या लीज पर ले ली गई हो। दूसरा, विभिन्न विभागों से उद्यम की स्थापना के लिए वांछित आवश्यक पूर्व अनुज्ञाएं/स्वीकृतियां/अनुमोदन प्राप्त कर लिए गए हों। तीसरा, निवेश के लिए अभिरूचि की अभिव्यक्ति में सफल निविदादाता को आवंटन पत्र जारी कर दिया गया हो। चैथा, निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया हो और पांचवा परियोजना के लिए संयंत्र और मशीनरी के लिए आदेश दे दिए गए हो। ग्राउंडिंग के लिए इन पांच मानकों में से एक से अधिक मानक पूरा हो जाना चाहिए।
ग्राउंडिंग किए गए प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि 13705 करोड़ की 105 बृहत परियोजनाएं जिनमें 31786 सम्भावित रोजगार, 998 करोड़ की 253 एमएसएमई परियोजनाएं जिनमें 10462 सम्भावित रोजगारं, निवेश हेतु अभिरूचि के रूप में 895 करोड़ की 03 परियोजनाएं जिनमें सम्भावित रोजगार 375, सिंगल विंडो के माध्यम से प्राप्त सीएएफ वाली 1807 करोड़ की 30 बृहत परियोजनाएं जिनमें सम्भावित रोजगार 3639 है। इस प्रकार कुल 17405 करोड़ की 391 परियोजनाओं की ग्राउंडिंग की जा चुकी है जिनमें प्रस्तावित रोजगार 46272 है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री डा। हरक सिंह रावत, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, उद्योग विभाग व सीआईआई के अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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