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हरियाणा में जाट आरक्षण आन्दोलन जारी

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हरियाणा में जाट आरक्षण आन्दोलन जारी

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हरियाणा में जाट आरक्षण आन्दोलन जारी

चंडीगढ़| नौकरियों में आरक्षण और अन्य मांगों को लेकर फिर से शुरू जाट आन्दोलन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी है। भीषण गर्मी और लू चलने के बावजूद हरियाणा के कुछ जिलों में खास तौर से रोहतक और हिसार में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए गए।

अर्ध सैनिक बलों की 55 कंपनियां और हरियाणा पुलिस के सैकड़ों पुलिस कर्मी प्रदर्शनकारियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। राज्य के गृह सचिव ने कहा कि आन्दोलन शांतिपूर्ण चल रहा है।कुछ जिलों में धरना प्रदर्शन नहीं आयोजित किए गए। कुछ जगहों पर धरना पर बैठे लोगों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिए।

सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वाले शरारती तत्वों पर पुलिस और प्रशासन कड़ी नजर रख हुए है। कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने और निषेधज्ञा का उल्लंघन करने पर हरियाणा पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। निषेधज्ञा के तहत एक जगह चार या पांच लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं।

पंजाब एवं हरियाण उच्च न्यायालय ने हाल ही में जाटों को राज्य सरकार की ओर से आरक्षण दिए जाने की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। हरियाणा विधानसभा ने इसके लिए एक विधेयक पारित किया था।

जाट आरक्षण आन्दोलन फिर से शुरू होने पर रविवार को हरियाणा के 21 जिलों में से कम से कम नौ जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया था।हाई अलर्ट पर रखे गए जिलों में रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जिंद, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, पानीपत और कैथल शामिल हैं।
आरक्षण लागू करने के लिए जाट समुदाय के लोगों ने हरियाणा सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा फिर से आन्दोलन शुरू करने का आह्वान किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, आन्दोलनकारियों ने इस बार शहरों की बजाय ग्रामीण इलाकों में आन्दोलन शुरू किए हैं।गत फरवरी महीने में जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान हरियाणा में विगत पांच दशकों की सबसे बुरी हिंसा हुई थी। आन्दोलन के दौरान 30 लोगों की हत्या हुई थी और 320 अन्य लोग घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य में विधि व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई थी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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