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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी पर HC का आदेश- बिना ढांचे को नुकसान पहुंचाए 31 जुलाई तक पूरा करें सर्वे

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Survey will not be done in Gyanvapi campus till tomorrow, Allahabad High Court will hear again

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प्रयागराज। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि बिना ढांचे को नुकसान पहुंचाए 31 जुलाई तक सर्वे पूरा करें। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले में दाखिल अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक को आज 4.30 बजे तलब किया।

ASI की ओर से वैज्ञानिक आलोक त्रिपाठी कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जीपीआर विधि और फोटोग्राफी विधि से कैसे सर्वेक्षण होगा। कोर्ट एएसआई से यह स्पष्ट करना चाहती है कि सर्वे के दौरान कोई क्षति हो सकती है। कोर्ट इस मामले में एएसआई से उस मैथेड को जानना चाहती है, जिसके जरिये एएसआई सर्वे कर रही है। कोर्ट सर्वे सिस्टम का डेमो भी देखेगी।

31 जुलाई तक पूरा हो जाएगा सर्वे

हाईकोर्ट ने एएसआई से पूछा कब तक सर्वे पूरा कर लेंगे। एएसआई ने कहा अगर अनुमति मिली तो 31 जुलाई तक सर्वे पूरा हो जाएगा।

इसके पहले सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे से संरचना को क्षति हो सकती है। जिला जज को सर्वे कराये जाने का अधिकार नही है। यह आदेश गलत है। जवाब में मंदिर पक्ष की ओर से जवाब दिया गया कि सर्वे के बाद ही मंदिर के स्ट्रक्चर का सही पता चल सकता है।

एएसआई दो तकनीकों के माध्यम से सर्वे कर रही है। उसमे फोटोग्राफी, इमैजिंग करेगी। किसी तरह की क्षति नहीं होगी। इस पर कोर्ट ने सर्वे का डेमो जानना चाहा और सर्वे में लगे एएसआई के साइंटिस्ट को 4.30 बजे तलब किया।

इसके पूर्व सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने कहा वैज्ञानिक सर्वेक्षण से स्थापित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। मुस्लिम पक्षकार ने तर्क दिया कि कौन लेगा नुकसान न होने की गारंटी। 1992 अयोध्या में हुए विध्वंस का अनुभव भुलाया नहीं जा सकता।

मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और इंतजामिया कमेटी के बीच कोई विवाद नहीं है तो वादिनी को वाद दाखिल करने का कोई विधिक अधिकार नहीं। सिविल वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाया।

मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने कहा सिविल वाद में साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी हुए बिना वैज्ञानिक सर्वे किया जाना गलत है। सिविल वाद में इस स्टेज पर वैज्ञानिक सर्वे का आदेश जल्दबाजी में दिया गया है।

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा, क्या करने जा रही है ASI  

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि एएसआई ज्ञानवापी में क्या करेगी और क्यों वहां जा रही है। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह से पूछा सवाल। कोर्ट ने पूछा किस तरह ASI सर्वेक्षण करेगी। खुदाई करेंगे या नहीं।

1993 तक होती थी विवादित स्थल की पूजा

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने तर्क दिया कि नवंबर 1993 तक विवादित स्थल पर पूजा की गई है। मां श्रृंगार गौरी, हनुमानजी, भगवान गणेश और भगवान शिव की पूजा हुई हुई है। विवादित स्थल पर परिक्रमा होती रही है। हिंदू पक्ष ने यह भी दावा किया की औरंगजेब ने मंदिर का विध्वंस किया था।

सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि GPR विधि क्या है। वैज्ञानिक सर्वे केसे होगा। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कितनी भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के वैज्ञानिक कितनी देर में कोर्ट में हाजिर हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

बस्ती में नाबालिग से बर्बरता, नग्न कर पीटा, पेशाब पिलाते हुए बनाया वीडियो, आहत होकर कर ली आत्महत्या

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बस्ती। यूपी के बस्‍ती जिले में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां एक नाबालिग लड़के ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, ये जानकर आप सिहर उठेंगे। उसे कुछ लड़कों ने घर से बर्थ-डे पार्टी में बुलाया था। आरोपियों ने उसे वहां नग्न करके पीटा। पेशाब पिलाते हुए वीडियो बनाया। थूककर चटाने का भी आरोप है। पीड़ित परिवार ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इससे आहत पीड़ित किशोर ने खुदकुशी कर ली।

जानकारी के मुताबिक मृतक संतकबीर नगर के निघरी गांव का रहने वाला था, जो अपने मामा के घर बस्ती में रहता था। युवक के परिवार के अनुसार, उसे 20 दिसंबर की रात को एक स्थानीय व्यक्ति की जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था। वहां चार व्यक्तियों ने उसके कपड़े उतरवाए, उसको बेरहमी से पीटा और उस पर पेशाब किया और इस पूरे कृत्य को अपने फोन में रिकॉर्ड भी किया। उन्होंने वीडियो वायरल करने की धमकी दी। परिवार ने आरोप लगाया कि लड़के ने कथित आरोपियों से वीडियो डिलीट करने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने उसे और अपमानित किया, उसे अपना थूक चाटने के लिए मजबूर किया।

मृतक का नाम आदित्य है। परिजनों के मुताबिक आदित्य को गांव के विनय कुमार ने फोन कर बर्थडे पार्टी में बुलाया था। आदित्य ने जब इस दरिंदगी की कहानी परिजनों को बताई तो वो उसे थाने लेकर गए। परिजनों ने कप्तानगंज थाने पर तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तहरीर ले ली, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे दबंगों के हौसले और बढ़ गए. वे लगातार किशोर को लगातार प्रताड़ित करने लगे। इससे क्षुब्ध होकर किशोर ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। इसके बाद परिजन शव लेकर थाने पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा तो परिजन शव लेकर एसपी दफ्तर पहुंच गए। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने समझा- बुझाकर शांत कराया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

सीओ कलवारी प्रदीप कुमार तिवारी ने बताया कि किशोर के मामा की तहरीर पर विनय कुमार, आकाश और सोनल निवासी कोइलपुरा, काजू प्रसाद निवासी कैली के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सोनल के अलावा तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

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