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हेल्थ

हृदय के लिए मक्खन से बेहतर नहीं वनस्पति तेल

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हृदय के लिए मक्खन से बेहतर नहीं वनस्पति तेल, युनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल, हॉवर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पबिल्क हेल्थ

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हृदय के लिए मक्खन से बेहतर नहीं वनस्पति तेल, युनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल, हॉवर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पबिल्क हेल्थ

बीजिंग। क्या आपने हृदय रोगों से दूर रहने के लिए मक्खन छोड़कर वनस्पति तेल के सेवन का निर्णय लिया है, तो ठहरिए। एक नए शोध से पता चला है कि वनस्पति तेल हृदय रोग के जोखिमों को कम करने के लिए खास मददगार नहीं है। अमेरिकी समाचार एजेंसी, युनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल (यूपीआई) ने हॉवर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पबिल्क हेल्थ के वैज्ञानिकों के हवाले से लिखा है कि संतृप्त वसा के स्थान पर वनस्पति तेलों के इस्तेमाल से आपके दिल की सेहत में सुधार नहीं होने वाला। शोध में हालांकि पारंपरिक आहार के उन दिशा-निर्देशों को भी खारिज नहीं किया गया है, जिसके तहत असंतृत्प वसा के रूप में सोयाबीन, मक्का, जैतून और राई का तेल हृदय रोग के जोखिम कम करने के लिए जाना जाता है। इस शोध के सदस्य फ्रैंक हू ने स्पष्ट किया है कि यह शोध त्रुतिपूर्ण है और इन निष्कर्षो की वजह से मौजूदा स्वास्थ्य आहार के दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए।

इस शोध के लिए प्रतिभागियों के आहार का आकलन किया गया था। इस दौरान शोधार्थियों को कुछ हैरान करने वाले नतीजे मिले। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इस जिज्ञासु अध्ययन को समझने में अधिक शोध की जरूरत है, जिसे कुछ हद तक ओहियो युनिवर्सिटी में पिछले माह हुए शोध ने समर्थन दिया है। ओहियो ने अपने एक शोध में देखा था कि मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम ऑलिव के तेल से नहीं, बल्कि अंगूर के बीजों से बने तेल और अन्य तेलों से कम हुआ था। इसमें लिनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर में हृदय रोग के जोखिम बढ़ाने वाले वसा को कम करता है। ओहियो युनिवर्सिटी से इस शोध की नेतृत्वकर्ता मार्था बेलुरी ने बताया, “यहां समस्या यह है कि वनस्पति तेल काफी बदल चुके हैं। अब इनमें लीनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा नहीं मिलती है।” उन्होंने बताया, “इस शोध के निष्कर्षो को जानने के बाद हम हैरान रह गए थे।”

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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