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संसद सदस्य के रूप में अधिक सम्मान मिला : हेमा मालिनी

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संसद सदस्य के रूप में अधिक सम्मान, हेमा मालिनी, बॉलीवुड की सदाबहार 'ड्रीम गर्ल', भरतनाट्यम नर्तकी

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hema malini as mp

किशोरी सूद

नई दिल्ली| बॉलीवुड की सदाबहार ‘ड्रीम गर्ल’ और एक सफल भरतनाट्यम नर्तकी हेमा मालिनी 2004 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बनीं। उनका कहना है कि उन्हें एक अभिनेत्री की तुलना में संसद की सदस्य के रूप में अधिक सम्मान मिला। लोकसभा में मथुरा का प्रतिनिधित्व करने वाली हेमा मालिनी ने एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे संसद सदस्य के रूप में अधिक सम्मान मिला है। एक कलाकार के रूप में मेरा अपना एक अलग सम्मान है, लेकिन एक राजनेता होने के नाते इस सम्मान में काफी वृद्धि हुई है।” हाल ही में हेमा पर अपनी नृत्य अकादमी नाट्यविहार कलाकेंद्र चैरिटी ट्रस्ट के लिए केवल 70,000 रुपये में मुंबई के अंधेरी इलाके में गैरकानूनी रूप से जमीन खरीदने का आरोप लगा था, लेकिन अभिनेत्री का कहना है कि वह एक भाजपा सांसद हैं और इसीलिए इतना शोर-शराबा किया गया।

साक्षात्कार

पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार मुझे जमीन दे रही है, इस पर काफी बवाल मचा। किसलिए, क्योंकि मैं हेमा मालिनी हूं? मुझे नहीं लगता यह कोई कारण था। यह इसीलिए हुआ, क्योंकि मैं एक भाजपा सांसद हूं।” हेमा का कहना है कि एक राजनेता के तौर पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में उन्होंने वे बदलाव किए हैं, जो वह देखना चाहती थीं। हिंदी फिल्म जगत में लिंगभेद जैसा माहौल राजनीतिक जगत में भी है? इस पर हेमा ने कहा, “मैं अपने राजनीतिक कार्य में किसी प्रकार की असमानता नहीं मानती। इस बारे में मेरे विचार काफी अलग हैं। मैं छोटी चीजों में शामिल नहीं होती। मैं अपने आप की तुलना दूसरों से नहीं करती।”

हेमा ने कहा कि बॉलीवुड में लिंगभेद कोई नई बात नहीं है। यह हमेशा से ही पुरुष प्रधान रहा है। उन्होंने कहा कि जो किरदार धर्मेद्र या अन्य कलाकार निभाते हैं, वह कोई अभिनेत्री नहीं निभा सकती। बॉलीवुड में अभिनेता और अभिनेत्री के वेतन की तुलना के बारे में हेमा ने कहा, “वेतन के तौर पर देखा जाए, तो अभिनेताओं के पास अधिक फिल्में और काम है। मुझे नहीं लगता कि अभिनेत्रियों के पास उतना काम होता है। उनके पास कुछ गाने होते हैं और कुछ मनोरंजक दृश्य, बस।”

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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