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उत्तर प्रदेश

343 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी यूपी एसएसएफ द्वितीय वाहिनी की हाईटेक बिल्डिंग

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गोरखपुर, । खास स्थानों, प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए गठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपी एसएसएफ) की द्वितीय वाहिनी गोरखपुर में है। अभी यह वाहिनी अपना कामकाज पीएसी कैम्पस से कर रही है लेकिन आने वाले समय में इसकी खुद की हाईटेक बिल्डिंग होगी। शासन की तरफ से यूपी एसएसएफ द्वितीय वाहिनी के अत्याधुनिक और सभी सुविधाओं से युक्त भवन के लिए करीब 343 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह बिल्डिंग गोरखपुर के चिलुआताल क्षेत्र स्थित ताल जहदा में 50.136 हेक्टेयर भूमि पर बनेगी। इसके लिए प्रक्रियात्मक कार्य पूरे कर लिए गए हैं। बरसात का सीजन समाप्त होते ही इसका निर्माण शुरू हो जएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर, 2020 में न्यायालयों, प्रमुख धार्मिक स्थलों, प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल का गठन किया था। जिसके बाद जून, 2021 में यूपी एसएसएफ की पांच वाहिनी गठित की गई थीं, जिनमें लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा व सहारनपुर शामिल हैं। इसके बाद छठवीं वाहिनी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा के लिए गठित की गई। गोरखपुर के लिए गठित एसएसएफ की द्वितीय वाहिनी गोरखपुर और कुशीनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रही है। जल्द ही इसके जिम्मे कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान भी आएंगे। यूपी एसएसएफ के गठन के बाद से ही योगी सरकार इसे सूबे की सबसे एडवांस फोर्स बनाने में जुटी है। इस फोर्स को अत्याधुनिक असलहों से लैस करने के साथ ही इसकी बटालियन के लिए हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था की जा रही है। इसी क्रम में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी व्यवस्थाओं के लिए करीब 343 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी है।

गोरखपुर में यूपी एसएसएफ की द्वितीय वाहिनी के आवासीय भवनों के लिए योगी सरकार ने 186 करोड़ 33 लाख 43 हजार रुपये तथा अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 156 करोड़ 39 लाख 89 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। कार्यदायी संस्था के रूप निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड (भवन) को दी गई है। कार्यदायी संस्था की तरफ से निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड (भवन) के अधिशासी अभियंता अर्जुन मित्रा का कहना है कि बरसात के बाद निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू करा दिया जाएगा।

ताल जहदा में यूपी एसएसएफ द्वितीय वाहिनी के परिसर में लिफ्ट युक्त टाइप ए, बी और टाइप फोर व फाइव के बहुमंजिला भवन बनाए जाएंगे। इसके अलावा लिफ्ट युक्त प्रशासनिक भवन, क्वार्टर गार्ड, पार्किंग, संतरी पोस्ट, अस्पताल, इंडोर जिम, डॉग कैनेल, टॉयलेट ब्लॉक और 400 की क्षमता का बैरक बनाया जाएगा। यहां सलामी मंच के साथ भव्य परेड ग्राउंड का विकास भी होगा। सभी आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ इसके परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का भी इंतजाम होगा।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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