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उत्तर प्रदेश

एचएल एग्रो ने कानपुर देहात में अपनी इकाई के विस्तार में किया ₹500 करोड़ का निवेश

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लखनऊ, । प्रदेश में नए निवेश लाने के साथ ही मौजूदा निवेश के विस्तार के लिए योगी सरकार ने अपनी नीतियों में जो सुधार किया है उसका असर देखने को मिल रहा है। वैश्विक खाद्य एवं पेय उद्योगों के लिए संयंत्र आधारित कच्चे माल के उत्पादन, विपणन तथा आपूर्ति में विशेषज्ञता रखने वाली कम्पनी एचएल एग्रो प्रोडक्ट्स प्रा.लि. ने कानपुर देहात में अपनी इकाई के विस्तार में ₹499.99 करोड़ का नियोजित निवेश किया है। इस निवेश के माध्यम से कंपनी उत्तर प्रदेश में अपनी मक्का स्टार्च एवं तरल ग्लूकोज इकाई को विस्तार दे रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अनुरूप, एचएल एग्रो ने अपने मौजूदा संयंत्र के परिसर में विस्तार की योजना बनाई है, जिसमें कनेक्टिविटी, कच्चे माल की उपलब्धता, एवं उपयोगिताओं आदि के संदर्भ में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं हैं।

योगी सरकार की दूरदर्शी नीतियों की सराहना

इन्वेस्ट यूपी की महत्वपूर्ण भूमिका पर बोलते हुए एचएल एग्रो के प्रवक्ता एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अतुल रस्तोगी ने एक मजबूत व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में राज्य की दूरदर्शी नीतियों पर जोर दिया एवं सराहना की। उन्होंने इन्वेस्ट यूपी द्वारा अपनाई गई सुव्यवस्थित प्रक्रिया पर प्रकाश डाला, जिससे प्रारंभिक आशय दाखिल करने से लेकर इकाई के वाणिज्यिक संचालन तक निर्बाध निष्पादन की सुविधा मिली तथा विशेष रूप से राज्य में व्यापार एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की गई पूंजी सब्सिडी तथा अन्य प्रोत्साहनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के सकारात्मक एवं मददगार रवैये ने अनुभव को सहज बना दिया। ऐसा लगा जैसे हम किसी सामान्य सरकारी विभाग से निपटने के बजाय किसी सक्रिय भागीदार के साथ सहयोग कर रहे हों।

उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में कर रहे सहयोग

एचएल ग्रुप ऑफ़ कंपनीज का मुख्यालय कानपुर में है एवं इसका हिस्सा एचएल एग्रो मुख्य रूप से घरेलू बिक्री तथा भारत से देशी स्टार्च/तरल ग्लूकोज एवं इसके डेरिवेटिव्स के निर्यात में लगा हुआ है। वर्तमान में, कंपनी के पास रनिया, कानपुर देहात में मक्का पीसने की इकाई है, जिसकी पेराई क्षमता लगभग 300 टन प्रतिदिन (टीपीडी) है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 1,200 टन प्रतिदिन (टीपीडी) करने की योजना है। परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि हम न केवल अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान दे रहे हैं, युवाओं के लिए रोजगार पैदा कर रहे हैं एवं उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि विस्तार के बाद कंपनी डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट, माल्टो डेक्सट्रिन पाउडर, डेक्सट्रोज एनहाइड्रस तथा सोर्बिटोल का भी निर्माण करेगी।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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