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प्रादेशिक

केरलः राज्य सरकार के संपर्क में गृह मंत्रालय, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

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नई दिल्ली। केरल में गंभीर बाढ़ की स्थिति के बीच, गृह मंत्रालय (एमएचए) स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और केंद्र से राज्य प्रशासन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने राज्यों में बचाव कार्यों के लिए 11 टीमों को तैनात किया है, जबकि भारतीय नौसेना और वायु सेना की राहत टीमों को भी राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर मल्लापुरम, अलाप्पुझा, पठानमत्रिट्टा, कोट्टायम, पलक्कड़ और कन्नूर में एक-एक बचाव दल और इडुक्की में दो टीमों को तैनात किया गया है।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि और अधिक टीमों को स्टैंड बाई यानी रिजर्व के तौर पर रखा गया है और यदि राज्य प्रशासन को जरूरत पड़ी तो उन्हें तैनात किया जाएगा। अरक्कोनम जिले में स्थित 4 एनडीआरएफ बटालियन इडुक्की जिले के कोक्कयार के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं और सात बच्चों सहित 33 व्यक्तियों को पठानमथिटा जिले के रानी तालुक के वैपुर से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

एनडीआरएफ की एक टीम में 47 कर्मी होते हैं जो प्रभावित लोगों को बचाने के लिए इन्फ्लेटेबल जेमिनी बोट्स, पेड़ और पोल कटर, संचार उपकरण और बुनियादी चिकित्सा सहायता से लैस होते हैं।

मध्य और दक्षिण केरल में भारी बारिश के कारण अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए हैं और विस्थापित हो गए हैं। राज्य में अचानक आई बाढ़ के परिणामस्वरूप इस तरह के हालात हो गए हैं।

कथित तौर पर कोट्टायम जिले के कूट्टिकल में 23 लोगों में से 14 लोगों की मौत हुई है, जबकि इडुक्की में आठ लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा राज्य में एक दर्जन से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।

राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, राज्य भर में कुल 105 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और प्रभावित क्षेत्रों से बचाए गए लोगों को इन शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर स्थिति पर चर्चा की, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मंत्रालय राज्य में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है।

उत्तराखंड

गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।

गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।

स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

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