पंजाब
राज्य में गैरकानूनी प्रवास रोकने और प्रवासी भारतीयों की बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के संबंध में पंजाब सरकार ने किया बड़ा एलान
चंडीगढ़। पंजाब के प्रवासी भारतीय मामलों में मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने राज्य में गैरकानूनी प्रवास रोकने के साथ-साथ प्रवासी भारतीयों की बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के संबंध में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है इसके लिए केरल मॉडल अपनाया जाएगा। केरल प्रवास के दौरान मंत्री ने राज्य के कानून और नियमों की प्रशंसा की। यहां उन्होंने नोरका (नान-रैज़ीडैंट केरलाईटस अफेयर्ज़) विभाग की सफल पहलकदमियों का अध्ययन भी किया।
कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार प्रवास को नियमित करने और पंजाबी एनआरआईज़ को सहायता प्रदान करने के लिए नोरका द्वारा एक समर्पित एजेंसी की स्थापना करेगी। यह एजेंसी गैर-कानूनी प्रवास पर नजर रखेगी। सुरक्षित और कानूनी प्रवास को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रवासी भारतीयों के कल्याण की सेवाएं मुहैय्या कराने और कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
नोरका (नान-रैज़ीडैंट केरलाईटस अफेयर्ज) विभाग की फील्ड एजेंसी प्रवासी भाईचारे के लाभ के लिए अलग-अलग सरकारी योजनाएं, और कल्याण पहलकदमियों को सक्रियता के साथ लागू कर रही है। फील्ड एजेंसी प्रवासी भाईचारे को अलग-अलग सरकारी प्रोग्राम और सेवाओं का लाभ देने के लिए अथक काम कर रही है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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