Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

यूनिवर्सिटी से निलंबन के बाद दलित शोध छात्र ने की खुदकुशी

Published

on

हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय, दलित छात्र वी रोहित का फांसी से लटका हुआ शव, केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय

Loading

हैदराबाद। हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित छात्रावास कक्ष में पीएचडी के एक दलित छात्र वी रोहित (26) का फांसी से लटका हुआ शव मिला। साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने बताया कि रोहित छात्रावास के कमरे में फांसी से लटके मिले। रोहित पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) की ओर से निलंबित किए गए पांच शोधकर्ताओं में से वह एक थे और एक छात्र नेता पर हमला करने के मामले में भी आरोपी थे। बाद में यह निलंबन वापस ले लिया गया था। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। उधर, साथी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच आज सुबह रोहित के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक, परिसर में अभी स्थिति ‘ठीक’ है। बीती रात को छात्रों ने एकजुट होकर रोहित के शव के साथ प्रदर्शन किया और नारे लगाए, जिसके कारण परिसर में हल्का तनाव पैदा बना रहा।

छात्रों ने पुलिस से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने (मंत्री ने) इन शोधार्थी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री (एचआरडी) को पत्र भी लिखा था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। परिसर में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है बहरहाल, यहां कुछ तनावपूर्ण स्थिति देखी गई है। आनंद ने बताया कि रोहित उन पांच शोधार्थी छात्रों में शामिल थे जिन्हें पिछले साल अगस्त में एचसीयू से निलंबित किया गया था और वह एक छात्र नेता पर हमला मामले में भी आरोपी थे।

पूर्व में एबीवीपी के एक नेता पर कथित तौर हमला करने के मामले में पांच शोध छात्रों को अध्ययन के उनके शेष समयावधि के लिए छात्रावास से निलंबित कर दिया गया था। इस बीच, भारी संख्या में छात्रों के जमा होने और रोहित के शव के साथ प्रदर्शन करने एवं नारेबाजी के बाद परिसर में हल्का सा तनाव पैदा हो गया। वे पुलिस से केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता बंगारू दत्तात्रेय के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार निरोधक कानून के तहत एक मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे और उन पर इन शोध छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखने का आरोप लगाया। पिछले सप्ताह छात्रों के एक समूह ने छात्रों के निलंबन के खिलाफ एचसीयू के प्रशासनिक भवन का घेराव किया था।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending